मंगलवार, 20 नवंबर 2012

Rahul's Mistake

मुझसे कई बार भूल हुई है । पिछले रविवार मैं ने अपनी चाबियाँ घर में रखकर बाहर खाने के लिए चला गया । मैं ने सोचा कि केवल आधा घंटा लगेगा तो चिंता करने की ज़रुरत ही नहीं है । लेकिन जब मैं घर लौट गया तो मैं ने देखा कि किसी ने दरवाज़ा पर ताला लगा दिया था । मैं ने अपनी चाबी को मेरा जेब में ढूंडा लेकिन चाबी नहीं मिला । मुझे काफी परेशानी हुई क्योंकि बाहर ठंड बढ़ रही थी । दो-तीन मिनट रोकने के बाद मैं पुस्तकालय जाने की सोच रहा था । मुझे लगा शायद मेरा रहनेवाला वहा पढ़ रहा होगा, मगर वह लैब्ररी में नहीं था । इसके बाद मैं ने उसको कंप्यूटर लैब में तलाश की लेकिन मैं ने उससे नहीं देखा । मैं बहुत परेशान था क्योंकि मुझे बहुत काम था और समय अपने हाथों से निकल रहा था । मैं कंप्यूटर लैब में बैठ गया था और कुछ काम किया । थोड़ी देर के बाद मैं ने अपना दोस्त को फ़ोन किया और कहा "मैं तुम्हारे घर पे आ रहा हूँ" । जब मैं अपना दोस्त का घर पहुंचा मेरा दूसरा रहनेवाला वहां से निकल रहा था । मुझे काफी गुस्सा आया  लेकिन अब क्या करूं - जो हुआ सो हुआ । इस घटने के बाद मैं ने निश्चय किया कि अबसे दरवाज़ा खोलने के बाद मैं चाबी अपना बटुआ उसी समय में रख लूँगा ताकि फिर से चाबी को न भूलूँ  । 


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