सोमवार, 5 नवंबर 2012

अगर मैं भारत जाऊं - Akul

अगर मैं भारत जाऊं मैं बहूत जगाएँ देखना चाहूँगा। पहले तो मैं अमृतसर जाना चाहूँगा क्यों कि मैं गोल्डन टेम्पल देखना चहता हूँ। वह बहूत खुबसूरत जगा है और मैंने उसे सिर्फ तस्वीरों में देखा है। उसके बाद मैं दिल्ली में रिपब्लिक डे की परेड देखना चाहूँगा क्यूँ कि मैंने सूना है कि वह बहूत अची परेड होती है। मुझे भारत जनवरी में जाना पड़ेगा कक्यों की रिपब्लिक डे जनवरी में होता है। यह दोनों जगाएँ देखने के बाद मैं मुम्बई जाना चाहूँगा क्यों कि मैंने मुम्बई नहीं देखा हुआ और वहां पर भी बहूत देखने और घूमने की जगाएँ हैं। लकिन जगाएँ देखने में उतना मज़ा नहीं आएगा जितना भारत जाकर खाना खाने में आएगा। वहाँ जाकर मैं एक बार ढाबे में खाना खाना चाहूँगा क्यों कि मैंने सूना है की ढाबे का खाना बहो स्वाद होता है। यह सब चीजें मैं ज़रूर करना चाहूँगा लकिन अगर मेरे पास और वक़्त पड़ा होगा फिर मैं दुसरे शहर देखना चाहूँगा क्यों की मैंने दक्षिन भारत और पूर्व भारत में कोई भी शहर नहीं देखा हुआ। और तो और भारत के उन हिसों में भूत खूबसूरत इमारतें और जागें हैं। जैसे पूर्व में दार्जीलिंग है और दक्षिन में करेला और गोआ में बहूत रेसोर्ट्स हैं। अगर मैं भारत जाऊं तो एन सब जागों देखना में बहूत मज़ा आएगा। 

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