रविवार, 4 नवंबर 2012

अगर मैं भारत जाऊ

अगर मैं भारत जाऊ तो मैं पहली पंजाब जाउंगी. मैं और मेरी ममेरी बहन एक सरसों का खेत जायेंगे. वहां पे पहली मेरी ममेरी बहन एक तरफ बेठकर एक मान्दोलिन बजाना शुरू करेगी. वह "तुझे देखा तो यह जाना सनम" बजेगी जैसे शाह रुख खान ने किया वह फिल्म दिलवाले दुल्हनिया ले जायेंगे में. जब वह बजाना शुरू करेगी तो मैं खेत की दूसरी तरफ से बागन शुरू करुँगी. मैं अपनी सर के ऊपर एक दुपट्टा पकडकर बागुंगी. शायद मैं एक हाथ में दुपट्टा पकदुंगी और दुसरे हाथ में एक बकरी को पकदुंगी. बहुत सारे फिल्मो में होते है की हेरोइने एक बकरी के साथ खेल रही है या बेट रही है. वैसे ही मैं एक बकरी के साथ खेत में बागाना चाहती हूँ. जब मैं मेरी ममेरी बहन को पहुँचती हूँ तो मैं मान्दोलिन के साथ बैटकर बजाउंगी और वह दूसरी तरफ से बागुंगी. मैं जानती हूँ के यह बहुत सिली है लेकिन यह सब करने में बहुत मज़ा भी आएगा. हम दोनों ने बचपन से कई ज्यादा हिंदी फिल्म देखे है तो यह सब करने की मन लगाती है.

जब हम पंजाब मैं होंगे तो हम वहां की मशहूर जगे भी देखेंगे जैसे अमृतसर की गोल्डेन टेम्पले, चंदिघर, और पतिअला भी जायेंगे. वहां पे बहुत सारा खाना खाएंगे, नाचींगे और बहुत मस्ती करेंगे! मुझे पंजाबी खाना बहुत पसंद है. मैं बहुत सारा दल मखानी, राजमा, छोले, भींगन भरता, पलक पनीर, मत्तार पनीर, और बहुत कुछ खाऊँगी. उन सब के बाद मैं जलेबी और समोसे भी खाना चाहती हूँ!


इन सब करने के बाद मैं बंगलोरे जाना चाहती हूँ. मेरा परिवार बंगलोरे से है तो मेरी माता की पूरा परिवार वहां ही रहते है. वह सब लोग बंगलोरे की एक जगह "जयनगर" में रहते है. मेरी पिता का आधा परिवार बंगलोरे की दुसरे जगह में रहते है जिनका नाम "गिरिनगर" है. हर बार जब मैं भारत जाती हूँ, तो मैं उन सब को मिलाती हूँ. इस बार भी मिलूंगी.

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