बुधवार, 27 फ़रवरी 2013

Nikhil Vohra


Shabab's oral exam


Krishna Bathina Final Exam


Sanskriti Varma Oral Midterm

Sanskriti Varma Oral Midterm

Raina Sheth Oral Exam Midterm

Ashley's Midterm I - Witnessed Accident


Ankita midterm oral test


Mid Term Oral 1 Arsh Patel


Alexander's midterm oral


Sumedha Midterm Oral Exam


Abhay's Midterm Oral


Isha's midterm video

Midterm Oral Exam Nithin


Emmaline's Oral Exam

Rahul's post oral exam


Witness to an accident (midterm) Taylor Moberg


Akul - Oral Midterm (Prompt 2)


Nakul Midterm


Cyril Oral Midterm


Priya Wiersba Oral Midterm


Neeyati Shah - Midterm Oral Exam





Carolyn Midterm


Arush-Final


Matt Brown's Oral Midterm -- Landlord


Eleni Zamindar Complaint MIDTERM WINTER 2013







Loritta's Midterm: #3

Vinisha's AWESOME oral midterm :)

sadak durghatna-Jaspreet kaur

सोमवार, 25 फ़रवरी 2013

Sachin Tendulkar

सचिन तेंदुलकर भारत के सबसे प्रसिद्ध क्रिकेटर है। सचिन चौबीस अप्रैल को पैदा हुए। उनके पिताजी का नाम रमेश तेंदुलकर है और माँ का नाम रजिनि तेंदुलकर है। सचिन बचपन से ही क्रिकेट के बहुत शौक़ीन थे। वे घंटे क्रिकेट प्रैक्टिस में बिताते।  जब सचिन थक जाते तब उनके प्रशिक्षक एक रूपये का सिक्का स्टंप्स के उप्पेर रखते और गेंद फेकने वाले को कहते की जो सचिन की विकेट ले सकेगा उसको वह रुपया मिलेगा। सचिन अब तक उन तेरा सिक्को को अपनी सबसे कीमती पुरुस्कार मानते है।
1989 में सचिन ने पहली बार अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट खेला। उनका पहला मैच पाकिस्तान के साथ था। अगले कुछ सालो में तेंदुलकर एक बहुत हे बेहतरीन और प्रभावशाली क्रिकेटर बने। 1996 में सचिन भारत के कप्तान बने। इस्सी दौरान भारत की टीम बहुत बार हारी। चार साल बाद सचिन ने कप्तानी छोड़ दी। कप्तानी छोड़ने के बाद भी सचिन भारत टीम के बहुत ही महत्वपूर्ण सदस्य है।
सचिन ने तकरीबन चौबीस साल क्रिकेट खेला है। इन 24 सालो में उन्होंने कई रेकोर्ड तोड़े है। उन्होंने सो बार सो रन बनाये हे। उन्होंने अपने पुरे करियर में तकरीबन चौंतीस हज़ार रन बनाये है। वे भारत के वर्ल्ड कप जीती हुई टीम के सदस्य भी रहे है। तेंदुलकर ने पदमा विभूषण पुरुस्कार भी जीता हुआ है।
23 दिसम्बर को तेंदुलकर ने 'वन डे इंटरनेशनल' क्रिकेट से अपने आप को रिटायर किया। अब वे सिर्फ 'टेस्ट' क्रिकेट खेलते है।

रविवार, 17 फ़रवरी 2013

Kiran Desai by Emmaline

किरण देसाई एक लोकप्रिय महिला भारतीय लेखक है। वह नई दिल्ली में तीन सितंबर, 1971 को पैदा हुआ थी। किरण के पिता जी, आश्विन, व्यापारी और रसोइया था। उसकी माता, अनीता देसाई, एक और प्रसिद्ध महिला भारतीय लेखक थी। अनीता की उपन्यास "The Village by the Sea" और "Fire on the Mountain" कई पुरस्कार जीते थे। वह अक्सर किखी थी जब उसके बच्चों स्कुल में थे। किरण चार बड़े भाई बहन हैं। वह अपने परिवार में सबसे कम उम्र है। जब किरण बच्ची थी, वह पुणे और मुंबई में रहती थी। उसके माता-पिता तलाक किए के बाद, किरण और उसकी माँ इंग्लैंड चली गई। वे एक साल के लिए वहाँ रहती थी, फिर वे अमेरिका गई थी, जहाँ किरण आज अब भी रहती है। भारत में, वह जॉन केनन स्कुल में भर्ती करायी। अमेरिका को चल रही थी के बाद, किरण Bennington College, Hollins University और Columbia University में रचनात्मक लेखन पदनी थी। इतने में, अनीता देसाई ने The Massachusetts Institue of Technology में प्रोफेसर बनाई थी। किरण अपना पहला उपन्यास, "Hullabaloo in the Guava Orchard," 1998 में प्रकाशित की, और 2006 में वह अपना दूसरा उपन्यास, "The Inheritance of Loss," प्रकाशित की। दोनों बहुत गहन और अनीता की जीवन भारत में से संबधित हैं। और दिनों किताबें यूरोप, एशिया और संयुक्त राज्य अमेरिका में प्रशंसित हैं। "The Inheritance of Loss" 2006 में मैन बुकर पुरस्कार जीया। 35 साल की उम्र, किरण इस पुरस्कार को जीतने सबसे कम उम्र के महिला थी। किरण आज अभी भी जीवित है और लेख रही है। उसने कहा  है कि वह शादी करना और बच्चों को नहीं चाहती है, क्योंकि वह एक लेखक अधिक रही प्यार करती है।  

गुरुवार, 14 फ़रवरी 2013

शाहरुख खान

शाहरुख खान 
शाहरुख़ खान भारत में बहुत ही बड़े अभिनेता है. वह कुछ पचहतर फिल्मों में अभिनय किया. कई लोग उससे बॉलीवुड की बादशाह से बुलाते है. वह भारत में एक बहुतही प्रभावशाली अभिनेता बुलाया जाता है. 
शाहरुख़ खान नवम्बर २, १९६५ दिल्ली में पैदा हुआ था. जब वह पंद्रह साल का था, उसके पिता की माउथ हुआ कैंसर से. इस के वजह से वह बहुत ही मनात करके स्कूल में अच्छा मार्क्स निकालता था और बहुत ही अवार्ड भी मिलता था. शाहरुख़ ने स्कूल खत्म करने के बाद कॉलेज भी की इकोनॉमिक्स में और फिर मास्टर्स डिग्री भी शुरू किया. १९९८ से वह कुछ छोटी-मोटी टीवी पर काम करते थे. 

इस समय के आसपास उकसी माँ की माउथ हुई और उसके वजह से शाहरुख़ मुंबई चला गया. उस वक्त उससे बहुत सम्मान मिलाने लगा तो उसकी पहले फिल्म का ऑफर मिला था. उस साल उनकी शादी भी हो गया, गौरी छिब्बर के साथ. शाहरुख़ खान का सबसे पहला फिल्म “दीवाना” था, ऋषि कपूर के साथ. वह फिल्म बॉक्स ऑफिस में हित होकर शाहरुख खान की कैरियर शुरू की. उन्होंने एक छोटी रोले किया फिल्म में लेकिन उससे फिल्म्फारे “Best Male Debut” मिला. 

१९९३ में उन्होंने कुछ बहुत ही बड़े फिल्मो में अभिनय किया, जैसे “डर” और “बाज़ीगर” जहां उन्होंने एक खलनायक के रूप में पेश किया. १९९५ में, शाहरुख़ ने एक बहुत ही बड़ा फिल्म में अभिनय किया, “दिलवाले दुल्हनिया ले जायेंगे.” यह फिल्म शाहरुख़ खान की करियर का सबसे बड़ा फिल्म बना. हिन्दुस्तानी सिनेमा में यह फिल्म सबसे लम्बा समय से थिएटर में कल रहा है. उस के बाद उन्होंने बहुत ही फिल्म्स मैं आया. और १९९७ में उसका पहला बच्चा भी हुआ, आर्यन. उसका बेटी सुहाना २००० में पैदा हुई. 

शाहरुख़ खान अभी भी बोलीवूद में काम कर रहा है और पिचले साल उन्होंने एक फिल रिलीज़ की थी जिसका नाम था “जब तक है जान.” अगले साल में वह कई और फिल्मो में काम कर रहे है थो उसके करीर अभी भी बड़े धूम-धाम से चल रहा है!

बुधवार, 13 फ़रवरी 2013

Sachin Tendulkar By Nikhil Vohra

सचिन तेंडुलकर एक बहुत ही महत्वपूर्ण भारतीय व्यक्ति है. भारतीय इतिहास में, वह सबसे अच्छा क्रिकेटर है। सचिन तेंडुलकर का जन्म चौबिस अप्रैल, 1973 पर है और बचपन में तेंदुलकर मुंबई में रहता था। उसके पिता प्रोफेसर थे, और उसकी मां एक जीवन बीमा की कंपनी में काम करती थी. ग्यारा साल की उम्रे में, तेंदुलकर अपने पहले क्रिकेट के बल्ले को मिल्ला। तेंदुलकर अच्चा छात्र नहीं था लेकिन वह हमेशा अत्युत्तम क्रिकेट का खिलाड़ी था। तेंडुलकर सिर्फ सोलह साल का था जब वह भारत के सबसे छोटा टेस्ट क्रिकेटर बन गया। तेंदुलकर सोलह साल की उम्र में अपनी पहली अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिता में खेला। यह मैच पाकिस्तान के खिलाफ था और कराची में था। तेंडुलकर सिर्फ तेइस साल की उम्र का था जब वह 1996 संसार के कप के लिए अपने देश की टीम का कप्तान बन गया. 1996 संसार के कप में भारतीय टीम ने अच्चा टूर्नामेंट नहीं खेला लेकिन तेंदुलकर टूर्नामेंट का उत्तम स्कोरर था। जब तेंदुलकर भारत वापस आया उसका नाम बहुत प्रसिद्ध हो गया था। देशवासी तेंदुलकर को एक नायक बनाये। अपने तीसवां दशक में भी तेंदुलकर सुबसे श्रेष्ठ खिलारी था। 2010 में तेंदुलकर को साल का श्रेष्ट क्रिकेटर की उपाधि मिल्ली। 2011 में तेंदुलकर ने भारत के लिए संसार कप जीता। यह उसके करियर की पहली संसार कप जित थी। इस संसार कप में तेंदुलकर ने दो हज़ार रून्स और छे सदिये बनाये। आज दिन तक तेंदुलकर एक महान हिंदुस्तानी नायक माना जाता है। अपनी महानता के बावजूद वह एक बहुत ही विनम्र आदमी है।

Guru Nanak dev ji


गुरु नानक देव जी

गुरु नानक देव जी सिखो के पहिले गुरु थे. उनका जन्म 15 अप्र्रैल 1469 मे हुआ. उनके पिता का नाम मेह्ता कालू और माता का नाम त्रिप्ता देवी था.उनकी एक बह्न थी, उनका नाम बेबे नानकी था. वह उनसे पाच साल उमर मे वडी थी. थी.जब उनके पिता ने उन्हे पद्ने के लिए भेजा तो उन्होने पंडित को ऐसे स्वाल किए, जिन्का पडित के पास जवाब नही था. 24 सतम्बर 1487, आपकी शादी माता सुल्खनी से हुई. उनके  दो पुत्र थे, लक्श्मी दास  और श्री चंद.

जब वह 14 साल का थे, उनके  पिता उनसे बहुत खुश नहीं थे और एक दिन उनहे 20 रुपये दिए एक लाभदायक सौदा करने के लिये .जब बाहर सौदा करने के लिये चले गये तो उन्होने रस्ते मे  गरीब लोगों को देखा है और वह उनके लिए उन 20 रुपए का भोजन खरीदा और उन्हे ख़वा दिया.वापस लौटने पर उनके  पिता उनसे सौदे के बारे में पूछा और उन्होने  कहा कि वह एक सच्चे सौदा करके अये है, तब आपके पिता जी बहुत नराज हुए.

गुरु नानक देव जी की शिक्षाए गुरु ग्रंथ साहिब में है जो के  गुरमुखी में दर्ज छंद का एक विशाल संग्रह के रूप में है.गुरु नानक देव जी ने लोगो को तीन महत्वपूर्ण संदेश दिए: नाम जपन, किरत करना और वंड छ्क्ना. उन्होंने दुनिया भर में पांच यात्रा किया और इन यात्राओं के दौरान लोगों को अच्छे कर्मों का एक बहुत कुछ सिखाआ. वह हर धर्म को समान रूप से व्यवहार करते थे और उन्होने महिलाओं को समान के  अधिकार दिलवाए.

12 सितम्बर 1539, उन्होने  इस दुनिया को छोड़ दिया और दिव्य आत्मा भग्वान मे जा मिली. और उनहोने भाई लेह्ना को गुरता गदी दे दी, जो सिखों के दूसरे गुरु गुरू अंगद देव जी के नाम से जाने जाते है.

Krishna Bathina

A.R. Rahman- जीवनी


अल्लाहरखा रहमान तमिल नाडू में पौदा हुआ था। उसके पिता बहुत प्रिसध था और एक फिल्म संगीतकार था।

उसका बचपन में, अपनी जीवन संगीत से घिरा हुआ था। उसने पियानो, गिटार, हारमोनियम, और सिंथेसाइज़र बजाना सिख। उसने ट्रिनिटी कॉलेज, लन्दन में भारती कराया और उपाधि में वेस्टर्न क्लासिकल म्यूजिक प्राप्त कराया। 

रहमान कर्नाटिक, वेस्टर्न, हिन्दुस्तानी और क़व्वाली संगीत में अभ्यास किया गया हैं। उस के लिए जाना जाता भी है शैली मिला रहा और इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों का प्रयोग कर रहा हैं। रहमान की प्रस्दिध अपनी फिल्म संगीत से आता हैं जैसे "दिल से", "लगान", थे लीजेंड ऑफ़ भगत सिंग", "रंग दे बसंती", "गुरु", "जोधा अख़बार", "घाजिनी", और "स्लुम्दोग मिलियनेयर।" 

रहमान ने कोई समाराहों में खेला। वह अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया, भारत, और यूनाइटेड किंगडम में प्रदर्शन किया हैं। अपनी यात्रा की बजाह से, उन्होंने कोई प्रस्दिध लोगों से मिला हैं जैसे राष्टपति ओबामा, इंग्लैंड की रानी, माइकल जैक्सन, एंड्रू ल्लोय्द वेबर, और मिक जैगर।

मुझे लगता है की उसका सबसे आच्छा काम जन गन मण हैं। उसने कोई मशहूर लोगून के साथ इसके लिए एक विडियो बनाया हैं।रहमान ने विडियो 26 जनुअरी साल 2000 पर प्रकाशित किया। उसने विडियो लड़ख में बनाया और वहां 60 संगीतकार थे। 

रहमान हमारे समय के सबसे प्रसिदिध संगीतकार हैं। 

Isha

1950 भारत में एक औरत रहते थे। उसका नाम माँ टेरेसा था। वे 1910 में अल्बानिया में पैदा हुआ था। जब माँ टेरेसा भारत आई, थब वे देखि की भारत में बहौत गरीब, बीमार, दुखी, बड़े, और अनोथओ लोग थे। माँ टेरेसा एक कैथोलिक नून थी। वे बहौत परोपकार करती थी। वे बोली की भारत आने के बाद वे भगवन की आवाज़ सूनी और तब वे सब गरीब लोग मदद शुरू किया। माँ टेरेसा बहुत अच्छी और दयालू औरत थी। हर दिन वे गरीब लोग को खाना दिया, बीमार लोग को दवाई दिया, और सब लोग को द्यालूती दिखाया। 1962 में एक घर बनाया, और घर बन्ने के बाद वे दो-तीन और घर बनाया जहा गरीब लोग और बच्चे रहे सकते थे। भारत और पूरा दुनिया की लोग जानते थे की माँ टेरेसा कौन थी और उसकी अच्छी काम। कुछ साल के बाद माँ टेरेसा "मिशनरीज ऑफ़ चैरिटी" बनायीं। उसकी कम सिर्फ भारत में नहीं थी। वे अर्मेनिआ, पलेस्टाइन, इथोपिया, और कुछ और देश में काम करती थी। 

1997 में माँ टेरेसा मर गयी। जब वे मर गयी, तब 4,000 "बेहेन" उसकी चैरिटी में थी। 100 देश में माँ टेरेसा की "बेहेन" काम करती थी। 

नंदिता दास

नंदिता दास मेरा मन पसंद सितारा है।  नंदिता दास 7 नवम्बर 1969 दिल्ली में जन्म हुआ।  उसके पिता जी जतिन दास हैं, और वे एक चित्रकार थे।  उसकी माँ एक लेखक हैं और उसकी नाम वर्षा हैं।  मेरा शिक्षक पहेले साल रेबेका था और रेबेका का प्रेमी, विबोध, नंदिता दास के साथ स्कूल में पढ़ते थे। अब  नंदिता एक खूबसूरत अभिनेत्री है जो 1989 के बाद से अभिनय करती है।  नंदिता एक निदेशक भी है और 2008 अपना पहली फिल्म प्रकाशित करती थी।  नंदिता मेरा मन पसंद अभिनेत्री है क्योकि जब वह अभिनय कर रही है, वह बहुत महत्वपर्ण उसका रोल में है। उसका चेहरा बहुत वास्तविक मंदेशा दिखाता है।  नंदिता प्रसिद्ध इन फिल्म के लिए : फायर, एर्थ, बवंडर, कन्नाथिल मुथामित्तल, अज्हगी, और आमार भुवन।  फ़िराक वह फिल्म वह  निर्देशन किया है।  मैंने सिर्फ फायर, एर्थ और कन्नाथिल मुथामित्टेल देखा है।  ये फिल्म्स में वह बहुत अच्छी थी।  बॉलीवुड अभिनय करना नहीं थी।  उसका अभिनय करने को विस्मयकारी देखती है।  कुछ लोग को नंदिता दास पसंद है क्योकि वह उन्धेरे चमड़ी है।  वे ख्याल हैं कि वह और अधिक लोगों का द्योतित करती है। जबकि बॉलीवुड अभिनेते बहुत प्रकाश चमड़ी हैं और सिर्फ कुछ लोग इनकी तरह देखते हैं। मई भावी में नंदिता फिल्मो के और अधिक देखने की आशा कर रही हूँ। 

Rahul - सचिन तेंदुलकर


सचिन तेंदुलकर एक बहुत बड़ा खिलाडी है क्रिकेट के विश्व में। वह दुनिया की बल्लेबाजों में से सबसे बहतरीन माना जाता है। उसका जन्म 24 अप्रैल 1973, मुंबई में हुआ था। सचिन एक विश्वप्रसिद्ध खिलाडी है और बहुत ही कम उम्र में उन्होंने क्रिकेट की कई रिकार्ड्स तोड़े हैं -  क्रिकेट में ऐसे रिकोर्ड बना डाले हैं जिन्हें तोडना काफी मुश्किल है। 1989 में अन्तराष्ट्रीय क्रिकेट में सचिन ने पहला कदम रखा। उस समय सचिन ने एक साक्षात्कार में कहा कि "क्रिकेट के बिना मैं जीवन की कल्पना भी नहीं कर सकता"। पाकिस्तान के खिलाफ 1989 में सचिन ने पहला मैच खेला था।  कई बार भारत की जीत सचिन की वजह से हुई है। सचिन और भारतीय क्रिकेट टीम ने 2003 की 'वर्ल्ड कप' में आखरी मैच पहुंचे थे लेकिन जीत नहीं हासिल हुई थी। यह बहुत दुःख की बात थी भारतीय टीम के लिए और उस ही दिन से टीम ने एक ख़ास सपना बनाया के भावी में एक बार 'वर्ल्ड कप' जीतना हैं। 2011 में यह सपना पूरा हुआ था। दोनों 'वर्ल्ड कप्स' में सचिन का कार्य बहुत ही बड़ा था। सचिन ने अर्जुन अवार्ड 1998 में जीत चुका था और पद्म विभूषण 2008 में] लोग उसको बहुत प्रेम करते हैं और जब वह मैदान में कदम रखता है उसके साथ एक अरब प्रार्थनाएं होते हैं| सचिन एक बहुत ही विनीत और शांत आदमी है और सचिन का आचरण लोगों को बहुत पसंद हैं| लोग उसके रिकार्ड्स के बारें में बात करतें हैं लेकिन उसका खेलने की प्रतिभा कुछ और ही है| सभी भारतीयों को सचिन पर गर्व हैं और वह क्रिकेट की इतिहास में नाम बना रखा है|

नेहरु चाचा- Priya Wiersba HW 8



Priya Wiersba
Homework #8
2-13-13
नेहरु चाचा

जवाहर लाल  नेहरु का जन्म 14 नवंबर 1889 को  उत्तर प्रदेश के इलाहाबाद में हुआ था. जवाहर लाल नेहरु के पिता मोतीलाल नेहरु एक वकील थे.

उनकी मां की नाम स्वरुप रानी नेहरू था. वह मोतीलाल नेहरू के केवल पुत्र थ. मोती लाल नेहरू की तीन पुत्रियां थीं. उनकी बहन का नाम विजयलक्ष्मी पंडित है और बाद में यु एन जनरल असेंबली की पहली महिला अध्यक्ष बनी.

जवाहरलाल नेहरु का बचपन बहुत आराम से होता था. उच्च स्कूलों और कॉलेजों से शिक्षा भाग लिया.

जवाहरलाल नेहरू को 1912 में भारत लौटे. मार्च 1916 में नेहरू का विवाह कमला कौल के साथ हुआ.  उनकी अकेली बेटा इंदिरा प्रियदर्शिनी का जन्म 1917 में हुआ. बाद में वह भारत की प्रधानमंत्री बनीं.

जवाहर लाल नेहरु का 1929 में कांग्रेस के अधिवेशन का अध्यक्ष किया गया निर्वाचित था.

जवाहर लाल नेहरू ने 1920-1922 में नॉन-चॊपेरशन मूवमेंट में हिस्सा लिया. आजादी की लड़ाई के 24 वर्ष में जवाहरलाल नेहरु जी को आठ बार बंदी बनाया गया.

नेहरू कांग्रेस के अध्यक्ष पद के लिए 1936 में चुने गए थे.

1947 में आजादी के बाद उसके भारत के प्रथम प्रधानमंत्री का पद दिया गया. नेहरू ने भारत की विदेश नीति के विकास में एक फोरिन पोलिसी निभाई थी.

जवाहरलाल नेहरु जी बच्चों से बहुत प्रेम करते थे. इसीलिए जवाहरलाल नेहरु जी को बच्चे प्यार से चाचा नेहरु कह कर पुकारते थे और जवाहरलाल नेहरु जी के जन्मदिन को लोग बाल दिवस रुप में मनाते हैं. हर दिन बच्चों, मैं एक गुलाब के नेहरू चाचा की तरह मेरी जेब में पहनने में इस्तेमाल किया.