सोमवार, 5 नवंबर 2012

अगर मैं भारत जाऊ...


अगर मैं भारत जाऊ, मैं बहुत सीखुगी और देखुगी। यह एक लंबी और महंगा यात्रा होगा, लेकिन मुझे लगता है कि यह समय और पेसे के लायक हो जायगा। वह मुझे अधिक हिंदी सीखना मुदद करुगी और मुझे दुनिया के एक नया भागा  देखना अनुमति होगी।
अगर मैं भारत जाऊ, शायद मैं हिमालय केपर्वतों देखना हूँ। भी, शायद मैं भरतीय संग्रहलयो और राष्ट्रीय खजाना जाऊँ। मुझे आशा है कि मैं शहर में प्रसिद्ध इमारतों को देखेंगी, औरमुझे आशा है कि मैं एक ग्रामीण गांव की स्वभाव का अनुभव कर सकते हैं। मैं स्थानीय नजरिए से भारत देखना चाहते हूँ। तो, मैं भारत दोस्त बनाने काआशा का, तो कि वे मुझे टूर दे सकते हूँ। मैं भी भारतीय छुट्टियां मनाने के लिए करनी चाहती हूँ। अधिकतर, मैं स्वादिष्ट भारतीय भोजन खाने के लिए चाहती हूँ, क्योंकि मैं प्रमाणिक भोजन कभी नहीं की हूँ।
अगर मैं भारत के लिए जाऊ, मैं एक योग गुरु से मिलने करनी चाहती हूँ। मैं भारत में बहुत योग का अभ्यास करनी चाहती हूँ। इसलिए, अगर मैं भारत जाऊ, मेरी योग सुधार होगी। शायद मैं एक योग प्रशिक्षक बन जाएँ। योग प्रशिक्षक बनना एक सपना है मैं एक दिन के लिए प्यार को पूरा करेगा।
अंत में, अगर मैं भारत के लिए जाना है, मैं फोटो का अक बहुत माय जाऐगा। जब मैं भारत से घर मिलती हूँ, तो है कि मैं अपने दोस्तों और परिवार के साथ अपने अनुभ्वों को साझा क्र सकती हैं।
अगर मैं भारत जाऊ, मैं दुनिये के मेरे विचार भुत बड़ा होगी। भारत मिसिगन की तुलना में बहुत अलग है। अगर मैं भारत जाऊ, मैं देश और दुनिया के बेरे में बहुत कुछ सीखना होगी।

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