सोमवार, 25 मार्च 2013

पसंदीदा भारतीय शादी की परंपरा- Cyril


Cyril
पसंदीदा भारतीय शादी की परंपरा
क्नानाया परंपरा में दोनों दूल्हे और दुल्हन शादी से पहले दिन अपने परिवार के साथ एक पार्टी है. इस दिन चम्थं चर्थल या म्य्लांजी कहाता है. यह मेरा पसंदीदा दिन है क्योंकि यह अपने चचेरे भाई के साथ आखिरी दिन है. इस उत्सव के लिए हम कई समारोहों है.  वे इस परंपरा करते हैं क्योंकि दूल्हे को सुंदर बनाने हैं. उत्सव शुरू करन, दूल्हे अपने चचेरे भाई के कंधों पर बढाता है. शुरुआत में दूल्हे के चाचा मेहमानों पूछता है 'क्या मैं (दूल्हे का नाम) चम्थं चर्थल दे दो?' इस तीन बार कहने के बाद मेहमानों ‘हाँ’ कहते हैं. दूल्हे मेहमानों के सामने बैठता है और चाचा दूल्हे दाढ़ी करते हैं (shaves the groom). इस के बाद चाचा कमरे में दूल्हे लेता है और उसे तेल में एक स्नान देता है. वे पार्टी के लिए वापस करते हैं और दुल्हन कशादी के लिए तैयार है. 
      भारतीय और अमेरिकी शादियों बहुत अलग हैं. भारतीय शादियों बहुत व्यापक और रंगीन कर रहे हैं लेकिन ज्यादातर अमेरिकी शादी सरल और छोटे हैं. भारतीय शादी अमेरिकी शादियों से अधिक लंबा है, आम तौर पर भारतीय शादियों तीन दिन हैं और ज्यादातर अमेरिकी शादी एक दिन हैं. वे कई अलग अलग समारोह, परंपराओं, और धार्मिक अनुष्ठानों है. मैं भारतीय शादियों अमेरिकी शादियों से अधिक पसंद है क्योंकि मैं संस्कृति और इतिहास का आनंद लें.

Indian Wedding Customs - Sumedha

भारतीय शादिया मुझे बहुत पसंद है. इनमे बहुत मज़ा आता है. इन शादियों में मेरी सबसे मन पसंद हिस्सा है संगीत है. पिचले तीन साल में मेरे परिवार के दोस्तों के दो शादिय हुए है. दोनों शादियों गुजरती शादियों थी थो बहुत नाचना गाना भी थे. संगीत में हम सब ने गरबा-रास की और बहुत स्वादिष्ट खाना भी खाए. बहुत मज़ा आया.
नाचना गाना के इलावा मुझे शादी की तयारिया भी पसंद होती है. इन दो शादियों में, मेरी माँ बहुत शामिल थी. उन्होंने फूल का आयोजन और बहुत बड़े-बड़े केक बनायीं. मैं और मेरी बहन मेरी माँ की मदद करते. केक के लिए छोटे-छोटे फूल और सजावट चीनी से बनाते हैं. इस अगस्त को मेरी बहन की शादी भी हो रही है थो अभी से मेरे परिवार में धूम-धाम से तयारी हो रही है. मैं बैंगलोर से हूँ तो हमारे शादियों में संगीत हर शादी में नहीं होते हैं. लेकिन आज कल, कई और शादियों में भी संगीत होते जा रहे है. मेरी बहन की शादी में हम संगीत कर रहे है क्योंकि मेरी बहन को नाचना गाना बहुत पसंद है.
भारतीयां शादियों में और अमेरिकी शादियों में बहुत फर्क होते है. दोनों में बहुत सारे रस्मे होते है लेकिन अलग तरह की रस्मे क्योंकि दोनों देशो में धर्मो होते है. भारत में ज्यादा शादी हिन्दू धर्म से होते है और अमेरिका में ज्यादा शादी इसाई धर्म से होते है. अमेरिकी शादी सिर्फ एक दिन में ख़त्म होते है लेकिन भारतीय शादी की बहुत रस्मे होने के नाते कई दिन लगते है. कई लोग अमेरिका में भी हिन्दू शादिय करते है. उन शादियों में लोग इसाई और हिन्दू शादी की परंपराओं को मिलाते है. उन शादियों हिन्दू शादी रहते है लेकिन कुछ परंपराओं अमेरिकी शादी से लेते है, जैसे दुल्हन की दोस्त को “bridesmaids” बनाना और दुल्हे के दोस्त को “groomsmen”. मैं नहीं जानती की यह प्रथा हर भारतीय शादी में होती है जो अमेरिका में मनाया जाता है लेकिन मेरी परिवार के दोस्तों की शादिय में ऐसी हुई. 

शादी-Isha

मेरी मन पसंद हिन्दू शादी की रिवाज मेहँदी है। मेहँदी एक रिवाज है सिर्फ औरत और लड़की करती है। मेहँदी हिना पत्ते से बनाते है। गाँव में औरत हिना पत्ते को शिला में पीस करते है। तब वे तेल लगते है। लेकिन अब इस दिन में लोग मेहँदी एसा नहीं बनाते है। अब दुकान में मेहँदी का शंकु मिलते है। एक-दो दिन शादी की पहले, लड़की और औरत एक कमरे में साथ साथ खाना खाते है और एक औरत सब लड़की को मेहँदी लगाती है। दुल्हन की मेहँदी सबसे अच्छे और विस्तुत है। उसकी मेहँदी हाथ/पैर में है और कभी कभी हथियार और पैरों भी। दुल्हन की मेहँदी लगाने दो-तीन घंटे लगते है। लेकिन बरमानेवाला नहीं है। सब लड़की गपशप करते है और खाना खाते है। 

हिन्दू और अमेरिका की शादी काफी अलग है। हिन्दू की शादी तीन-चार दिन सकते है, लेकिन अमेरिका की शादी सिर्फ एक-दो दिन लगते है। अमेरिका सिर्फ प्रेम की शादी होते है, लेकिन भारत में प्रेम और अरेंज्ड होते है। पहले भारत में सिर्फ अरेंज्ड शादी होते है, लेकिन अब शेहेरो में ज्यादा प्रेम की शादी होते है। हिन्दू में दुल्हे और दुल्हन लाल पेहेनते है, और अमेरिका में लड़की सफ़ेद पेहेंती है और लड़का कला पेहेनता है। भारत की शादी एक एक राज्य में अलग है। उत्तर भारत की शादी अलग है, और दक्षिण भारत शादी अलग है। लेकिन अमेरिका की शादी अभिन्न है। अमेरिका की शादी में अंगूठी पहनते है, और हिन्दू की शादी दुल्हन मंगलसूत्र पेहेनते है। में भारत की शादी ज्यादा अच्छे लगते है क्योकि बहुत रंगीन है। 

मेरी सबसे मनपसंद शादी की रसम - Rahul

मेरी सबसे मनपसंद शादी की रसम है बारात की रसम। यह बहुत ही मजेदार होती है क्योंकि लड़के के सारे परिवार एक साथ मनाते हैं। बारात एक रिवाज़ है जो शादी से पहले होता है। दूल्हा सफ़ेद घोड़े पर सवारी होकर अपने सारे रिश्तेदारों के साथ दुल्हन का घर जाते हैं। रास्ते में कई रिश्तेदार, परिवारवाले, और दोस्त बैंड बजाते हैं, नाचते हैं, और जश्न मनाते हैं। इस रसम में बहुत मज़ा आता हैं क्योंकि लोग हस्ते मुस्कुराते रहते हैं। जब बारात लड़की का घर पहुंचते तब लड़की के परिवारवालों भी खूब जश्न मनाते हैं। पंजाब में लोग ढोल बजाते है और भंगड़ा करते हैं। भारत में सारे राज्य में अलग अलग रिवाज़ होते हैं बारात के समय में। 

भारतीय और अमरीकी शादियों के बीच बहुत फर्क होती हैं । भारतीय शादियाँ ज़्यादातर तय शुदा शादी होती हैं और अमरीकी शादियाँ आमतौर प्रेम विवाह होती हैं। अमरीकी शादिय में लड़के काले कपडे पहेंते हैं और लडकियां सफ़ेद कपडे पहनती हैं । दूल्हा भी कला सूट पहनता है और दुल्हन सफ़ेद ड्रेस पहनती है । इसीलिए भारतीय शादिया ज्यादा रंगीन होती है और बहुत सारे परम्पराए होती हैं। मुझे लगता है की परिवार की भागीदारी भारतीय शादिय में ज्यादा होती है। भारतीय शादिय ज्यादा उत्तेजित तरीके से की जाती और अमरीकी शादिया कम उत्तेजित से। 

घोड़ी चढ़ना और हिन्दुस्तानी शादी

मेरा सबसे मन पसंद हिन्दुस्तानी शादी का रस्म घोड़ी चढ़ना है। इस रस्म में दूल्हा शादी से घोडी में जाता है। उसके सारे परिवार दूल्हा के पास चलता हैं। जब दूल्हा शादी से पहुंचे तब दुल्हन का परिवार उसको मिलेगे। यह मेरा मन पसंद रस्म क्यूंकि इस रस्म बहूत मजाक है। हर कोई इस रस्म में नाच रहा है या गा रहा है।
Indian Bride and Groom riding into reception on a horse

इस रस्म दक्षिण भारतीय का शादी में नहीं है। इसलिए जब मैं शादी करूं तब मैं इस रस्म नहीं होगा। हमारा शादी बहूत छोटे है। हमारा शादी सिर्फ एक या दो दिन है। लेकिन यह दो दिन बहूत मजाक है। हमारा शादी भी बहुत शांत है। शादी में कोई नहीं नाच करूँगा। लोग सिर्फ शादी के बाद या से पहले नाचेगे। इसलिए मैं उत्तर भारतीय की शादी तारीफ दिया है।
हिन्दुस्तानी और अमेरिकी शादी बहूत अलग है। अमेरिकी शादी सिर्फ एक दिन है। इस दिन में दुल्हन के पिता जी दुल्हन को विदा देता है,  दूल्हा और दुल्हन
प्रतिज्ञा (vows) बनता है, और वे अंगूठी विनिमय करता है। लेकिन हिन्दुस्तानी शादी एक हफ्ते है। और इस हफ्ते में बहूत रस्म होगा। शगुन, चुन्नी चढ़ाना, मेहंदी, हल्दी, घोडी चढ़ना, जय माला जूते चुराना, फेरे, और कुछ और रस्म होएगे।
अमेरिकी शादी बहुत नीरव है। रस्म में पुरोहित सिर्फ बोलता था। लेकिन हिंदुस्तानी शादी में जब पुजारी बातकर कुछ संगीत बजता है। हिंदुस्तानी शादी बहुत रंगीला भी है। दुल्हन लाल सारी पहेनता है और दूल्हा एक रंगीन लुंगी पहेनता है। सरे लोग कुछ रंगीले कपरे पहेनते है। लेकिन अमेरिकी शादी में दुल्हन सिर्फ सफेद
पोशाक पहेनता है और दुल्हन एक काला सूट पहेनता है। इसलिए मुझे हिंदुस्तानी शादी पसंद है।
 

सात फेरे

मेरी मनपसंद हिन्दू शादी की परंपरा सात फेरे है. इस परंपरा में, हवन सात बार के आसपास दूल्हे और दुल्हन के चक्र. हिंदू परंपरा में, आग, पवित्रता का प्रतीक है. एक आग के चारों ओर चक्कर करके, दूल्हे और दुल्हन वादा करता हूँ प्रतिज्ञा है कि वे पवित्र अग्नि के सामने कह रहे हैं कभी नहीं तोड़ा.
दूल्हे और दुल्हन के समारोह के इस भाग के दौरान आम तौर पर कर रहे हैं साथ बंधे. उनके दुपटे एक साथ बांधा जा सकता है. या कम से कम वे हाथ पकड़ जाएगा.
अग्नि के चारों ओर हर बार कुछ अलग होता है. और जैसा कि वे आग में घिरा हुआ है, वे प्रतिज्ञा ले लो.

पहले चक्र के दौरान, वे खाने के लिए प्रार्थना करते हैं.वे धर्म के एक महान जीवन है वादा करता हूँ.
दूसरे चक्र के दौरान, वे स्वास्थ्य के लिए प्रार्थना करते हैं. वे शारीरिक, मानसिक और आध्यात्मिक स्वास्थ्य के लिए प्रार्थना करते हैं.
तीसरे चक्र के दौरान, वे धन के लिए प्रार्थना करते हैं. वे दोनों मौद्रिक धन और ज्ञान के धन के लिए प्रार्थना करते हैं. वे व्रत है कि यह धन उन्हें खुशी और दर्द के समय को साझा करने के लिए शक्ति दे देंगे.
चौथा चक्र के दौरान, वे एक दूसरे के लिए प्यार और सम्मान करते हैं और एक दूसरे के परिवारों व्रत. वे अपने परिवार के लिए प्यार और सम्मान के लिए प्रार्थना करते हैं.पाँचवा चक्र के दौरान, वे बच्चों के लिए प्रार्थना करते हैं. वे प्रार्थना करते हैं कि बच्चों को वे सुंदर, महान, और वीर रहे हैं. वे प्रार्थना करते हैं कि उनके बच्चों को धर्म का पालन करेंगे.छठा चक्र के दौरान, वे एक लंबे जीवन के लिए एक साथ प्रार्थना करते हैं.सातवा चक्र के दौरान, वे वफादारी, भाईचारा और एकता की एक जीवन के लिए प्रार्थना करते हैं. और वे पूरे ब्रह्मांड में शांति के लिए प्रार्थना करते हैं.
साथ इन प्रतिज्ञा, दूल्हे और दुल्हन एक हैं. यह वादा सुंदर है क्योंकि यह एक दूसरे को, उनके परिवारों, और भगवान के लिए देने का वादा किया है. और इस वादे उन्हें हर तरह से एकजुट करती है. यही कारण है कि फेरे मेरे मनपसंद शादी की परंपरा है.

Indian Wedding Vs American Wedding- Taylor Moberg

भारतीय शादियों और अमेरिकी शादियों के बीच एक अंतर है माता - पिता की स्वीकृति है.भारत में विवाह बहुत आम है, जबकि अमेरिका में यह काफी दुर्लभ है। हालांकि विवाह हमेशा एक बुरा, कभी कभी बच्चों को पसंद करते हैं शादी नहीं है क्योंकि यह दूर डेटिंग के दबाव लेता है। अमेरिकियों तर्क हो सकता है डेटिंग मज़ा है, और उनके सामाजिक जीवन का एक हिस्सा है। भारतीय शादियों का भी समारोह के दौरान अपनी परंपराओं के लिए जाना जाता है जबकि अमेरिका के लिए अपनी पसंद के हिसाब से उनके अद्वितीय शादियों में सक्षम हैं। कि जिस तरह से मैं भारतीय शादियों से प्यार है। मैं हमेशा परंपरा से प्यार किया है और संस्कृति नीचे पीढ़ी से पीढ़ी के लिए पारित किया जा रहा है सुंदर है। मेरे रिश्तेदारों के लिए एक परिवार की परंपरा को जारी रखने के द्वारा देख गर्व होगा। यह भी अमेरिकी शादियों में हो सकते हैं, लेकिन मुझे विश्वास है कि यह सामान्य से कम है। भारतीय शादी की परंपरा का मेरा पसंदीदा हिस्सा चुन्नी चढ़ाना है। दुल्हन रंगीन वस्त्र पहनता है, लाल, नीले, हरे, पीले आदि। और वह स्पार्कलिंग पहनता जेवर। दुल्हन और महिलाओं उसके घर जहां वे पर उसके कपड़े और जेवर डाल जाओ। उन्होंने यह भी मिठाई खाने और शादी के बारे में बात करते हैं। अमेरिकी शादियों कि एक ही बातें करते हैं। पुरुषों और महिलाओं को अलग - अलग कमरों में जाना है क्योंकि दूल्हा और दुल्हन एक दूसरे को देखने की अनुमति नहीं है। अंत में शादियों सुंदर है कि वे भारत या अमेरिका में कर रहे हैं। शादी किसी के जीवन में एक महत्वपूर्ण क्षण है।

Matt Brown HW 14

मेरा शादी आदत मन पसंद जूते चुराना है। एक बहुत बड़ा आदत भारत में है लेकिन अम्रीका में नहीं है। शादी की दिन पर दूल्हा अपने जूते उतरता है। उस के बाद दुल्हन की बहन वे जूते चुराने की कोशिश करती है। गुस्से में नहीं है लेकिन मजाक में है।

जब दूल्हा अपने जूते नहीं मिल सकता है तब वह उन के लिए खोज करता है। वह सब लोग जूतों के बारे में लेकिन कोई नहीं उसको उन के बारे में बताता है। उसको खुद अपने जूते मिलने है। शायद उसकी परिवार उस की मदद करती है लेकिन दूल्हा को अपने अप जूते मिलने है।

फिर दूल्हा दूहन और उसकी बहन को अपने जूतों के बारे में पूछता है। वे उसको जवान नहीं देती हैं तो दूल्हा उनको कुछ पैसे देता है। यदि वे पैसे अच्छा हैं तब दूल्हा अपने जूते मिलेगा लेकिन यदि दुल्हन और अपनी बहन ज्यादा चाहिए तब दूल्हा नहीं मिलेगा।

अंत में दूल्हा अपने जूते मिलेग। एक अच्छा मजाक शादी में है और सब लोगों को वह बहुत पसंद है। वह मेरा मन पसंद आदत है क्योंकि शादी में सब कुछ बहुत जटिल है। जूते चुराने एक मज़ाक है। शादी में ख़ुशी बढ़ता है। शादी को मनाने चाहिए, काम नहीं हो। शादी को बहुत सुन्दरता लगती है। 

Nikhil Vohra HW 14

मेरा पसंदीदा भारतीय शादी की कस्टम संगीत है। यह घटना कुछ दिनों को शादी से पहले होता है। इस घटना को दुल्हन का परिवार आयोजन कराता है। आमतौर पर घटने को दुल्हन सारा परिवार और दूल्हे का परिवार के करीबी आएंगे हैं। संगीत में दुल्हन और उसका परिवार संगीत बजाते । दुल्हन का परिवार दुसरे प्रदर्शन और नाटकों का आयोजन करते हैं। कभी कभी इन प्रदर्शनों से दूल्हे के मज़ाक उड़ाते हैं। यह भारतीय कस्टम अमेरिकी दुल्हन का स्नान की तरह है। 

एक बार मैं एक संगीत को चला गया। यह संगीत मेरी चचेरे भाई की शादी के लिए किया था। कुछ दिनों पहले मैंने और अपना परिवार एक भारतीय संगीत अभ्यास करते थे। मैं एक छोटी सी भूमिका करने की कोशिश की क्योकि में बहुत ख़राब गायक हूँ। हमारा प्रस्तुति बहुत अच्छा था। गायन के बाद हम सब लोग ने खाना खाया। वहाँ बहुत शाकाहारी और मासाहारी खाना थे। खाने के अधिकांश भारतीय थे लेकिन सब खाना बहुत अच्छे थे। मुझे सब तरह मिटाई भी मिला था। मैं संगीत को बहुत मज़ा आया।

भारतीय शादि बहुत लंबे होते हैं। भारतीय शादी कई दिनों के लिए रहते। सामान्यत अमेरिकी शादि कम समय से रहते हैं। भारतीय शादि बहुत रंगीन हैं लेकिन अमेरिकी शादो सिर्फ सफ़ेद और कला रंगों से करते हैं। दोनों संस्कृति अलग हैं तो शादी भी अलग हैं लेकिन दोनों संस्कृति ही मूल्यों में विश्वास। दोनों संस्कृति पती का निष्ठा को सिखाते हैं। 

मेरी मन पसंद रसम - Ankita Badhwar


अंकिता बधवार
25 मार्च, 2013 
मेरी मन पसंद रसम
हिंदुस्तानी शादियाँ बहुत रंगीन और मस्ती भरी होती हैं. मैं बहुत शादियों में गयी तो नहीं लेकिन मैंने बहुत सारी भारतीय शादियाँ टी. वी पर और फिल्मों में देखी हैं. मेरी मन पसंद शादी की रसम मेहँदी की रसम है. मुझे मेहँदी लगाना बहुत पसंद है और जब भी मुझे मौका मिलता है मेहँदी लगाने का, मैं ज़रूर लगाती हूँ. मेहँदी की रसम में, दुल्हन अपने ससुराल की दी हुई मेहँदी शगुन मान कर अपने हाथों पर लगाती है. उसके बाद, मेहँदी लगाने वाली दुल्हन के हाथों और पैरों को बहुत सुन्दर नमूनों से भर देती है. जब तक दुल्हन को मेहँदी लगती है, उसके परिवार की सारी औरतें और लडकियां, और उसकी सहीलियाँ बहुत नाचती और गाती हैं. जब दुल्हन को मेहँदी पूरी तरह से लग जाती है, तब बाकी सब औरतें अपने-अपने हाथों पर मेहँदी लगवाती हैं. दूसरी तरफ, दूल्हे को भी मेहँदी लगती है लेकिन उसको सिर्फ छोटा सा निशान लगता है. यह रसम मेरी सबसे मन पसंद रसम है क्योंकि मुझे मेहँदी बहुत अच्छी लगती है, खास तौर पर दुल्हन की मेहँदी. मुझे नाच गाना भी बहुत पसंद है और मुझे अच्छा लगता है की दुल्हन की सब बहनें और सहेलीयां उसके साथ जश्न मानती है उसके विदा होने से पहले.
भारतीय और अंग्रेज़ी शादियों में बहुत से अंतर होते हैं. हिन्दुस्तानी शादी में, दुल्हन और दूल्हा बहुत रंगीन कपडे पहनते हैं. भारतीय संस्कृति में सफ़ेद और काले कपडे अशुभ माने जाते हैं. इस लिए, दुल्हन बहुत रंगीन साडी या लेंघा पहनती है. अंग्रेज़ी शादियों में दुल्हन सफ़ेद कपडे पहनती है क्योंकि अंग्रेजी रिवाज में, सफ़ेद पवित्र माना जाता है. हिन्दुस्तानी शादियों में बहुत सारी रसमें होती हैं जो अंग्रेजी शादियों में नहीं होतीं. अंग्रेज़ी शादियों में, दुल्हन के लिए ब्राइडल शावर दिया जाता है, बैचलर और बैचलोरेट पार्टीस होती हैं, शादी होती है, और फिर दुल्हन और दूल्हा रिसेप्शन देते हैं. अंग्रेज़ी शादियाँ आम तौर पर चर्च में होती हैं और रिसेप्शन किसी हाल या होटल में किया जाता है. हिन्दुस्तानी शादियाँ तब तक पूरी नहीं मानी जातीं जब तक वे पूरी विधि के साथ, सारी रसमें निभा के हों. हिन्दुस्तानी शादियाँ आम तौर पर मंदिर में नहीं होती. बल्कि, वे किसी हाल या किसी के घर पर पंडित जी को वहां बुलाकर की जाती हैं. पंडित जी अग्नि को साक्षी मान कर दूल्हा और दुल्हन से फेरे करवाते हैं. फेरे शादी के सबसे महत्वपूर्ण रसम होते हैं और शादी बिना फेरों की अधूरी मानी जाती है. भारतीय शादियों में दूल्हा दुल्हन के मांग में सिन्दूर भरता है और उसको मंगलसूत्र पहनाता है. मंगलसूत्र और मांग में सिन्दूर दुल्हे की लंबी उम्र के प्रतीक होते हैं. अंग्रेजी शादियों में, दूल्हा और दुल्हन एक दुसरे को सिर्फ अंगूठियाँ पहनाते हैं जिनसे दोनों का बंधन पक्का माना जाता है.

रविवार, 24 मार्च 2013

मेरी सबसे मनपसंद शादी की रसम - Akul

मेरी सबसे मनपसंद शादी की रसम है बारात की रसम। यह रसम मेरी सबसे मनपसंद रसम इसलिये है क्यों के यह बहूत रंगीन और रौनक भरी रसम होती है। इस रसम में दूल्हा घोड़ी पर शादी के स्थल तक जाता है और पूरे रस्ते में उसके परिवारवाले और दोस्त उसके आस पास नाचते रहते हैं। इन सब लोगों के साथ बन्द्वाले भी आते है शादी के गाने बजाते हुए। इस रसम में बहूत मज़ा आता है क्यों के सब लोग नाचते गाते रहते हैं। यह रसम ज्यादातार धूम-धाम के साथ सिर्फ उत्तर भारत करी जाती है। दक्षिण और पूर्व भारत में शादी की रसमें उतनी धूम-धाम से नहीं कीं जातीं। उन क्षेत्रों में शादी की रसमें उतनी उत्तेजिता के साथ नहीं कीं जती हैं। 
भारतीय और अमरीकी शादियों काफी फर्क होतीं हैं। भारतीय शादियां ज़्यादातर हिन्दू तोर-तरीकों के मुताबिक की जाती हैं पर अमरीकी शादियाँ ज़्यादातर इसाई धरम के मुताबिक की जातीं हैं। और तो और भारतीय शादियाँ ज्यादा रंगीन और धूम-धमक से की जातीं हैं जब कि अमरीकी शादियाँ उत्तेजित तरीके से नहीं कीं जातीं। अमेरिकी शादियों में काले और सफेद कपड़े पहने जाते हैं लेकिन भारतीय शादियों में बहूत रंगीन कपड़े पहने जाते हैं। और तो और अमरीकी शादियों में उतनी रसमें नहीं होतीं जितनी भारतीय शादियों में होतीं हैं। आखरी बात यह है के भारतीय शादियों में दूल्हा और दुल्हन के माता-पिता का निर्णय शादी के बारे में भी महत्वपूरण होता है। अमेरिकी शादियों में मत-पिता का निर्णय उतना महत्वपूर्ण नहीं होता। यह चीजें सबसे बड़े फर्क हैं भारतीय और अमरीकी शादियों में।

Loritta: भारतीय शादी: मेहँदी और चीनी की शादी

हालंकि दुनिया में बहूत संस्कृति हैं, शादी की रिवाज लगभग समान हैं। लेकिन भारतीय की शादी अद्वितीय और अपनी संस्कृति चिंतनशील की हैं। भारतीय की शादी  रंग-रंगीला है और बहूद रसम है। शादी में बहूद दैयारी की जरूरत है। मेरी सबसे मन पसंद रसम मेहँदी है। मेहँदी का पैटर्न पैटर्न विस्तुत और कलात्मक है और इस लिए, खींचने की व्यक्ति को रोगी और सिथर होने है। फिर भी, मेहँदी अपनी कलात्मक सौंदर्य से कोई अधिक है। इसके रचने में, प्रतीक हैं यथा उर्वरता और भाग्य के लिए मोर, बुद्धिमत्ता के लिए मंडला खींचेगे वगैरह। 

चीनी की शादी रस्म अलग है। भारतीय शादी से भिन्न, तयशुदा शादी अब दुर्लभ है। शायद कुछ ग्रामीण गांव में तयशुदा शादी करता है लेकिन अब प्रेम-विवाह प्रसिद्ध। दूल्हा-दुल्हन को एक दूसरे के माता-पिता जी से मिलना है और फिर अपनी जन्म पत्री तुलता है। अगर अच्छा हो, तो शादी के लिए एक मंगल भारी दिन चुनेगा। चीनी की संस्कृति लाल का रंग शुभ है और इस के कारण, सारा सजावट और पहनने के कपड़े लाल हैं। फिर, दूल्हा शादी के समारोह के लिए अदा करेगा और दुल्हन के परिवार को चीनी केक, पेस्ट्री और खाना भेजेगा। शादी की रात के पहले, दूल्हा दुल्हन के घर जाएगा लेकिन दुल्हन देखेने के पहले, कूच "चुनौतीएं" खेलेगा। खुशी मूड बनने के लिए है। दूल्हा-दुल्हन को एक दूसरे के माता-पिता जी को चाय देनी है। फिर शादी का समारोह है और शादी भोज में कोई एक सो लोग जाएगे। शादी भोज के खाने धनी और बहूत है तो अक्सर बहूत खाना उड़ाता है। 

आजकल, दूल्हा-दुल्हन पश्चिमी की शादी समारोह करता है। कभी-कभी दोनों संस्कृति की शादी की रसम करता है। लेकिन ज़रूर, कुछ परंपरागत चीनी परिवार पुराने की शादी रसम करता है।

शादी का रिवाज - नकुल

मैं पिछली गर्मीयों में एक भारत-गुजराती शादी में गया। यह शादी शिकागो में था। हमने हमारा घर से गड़ी में ड्राइव किया। मेरा परिवार दुहला का ओर पर था। हमने बहुत मजाक किया। सभी चीज़ों शादी के पहेले बहुत मजाक था। मेरा मन में मंगल फेरे और सप्तपति बहुत बोरिंग था। यह शादी में शादी का स्वागत हादी से एक दिन के पहेले था। शादी का स्वागत बहुत  मजाक था। शादी का स्वागत में लोगों नाचना किया और बहुत अच्छा खाना था। मेरा मन पसंद रिवाज है की बरात और शादी का स्वागत। बरात मुजेदार है क्योंकि बहुत लोगों नाचना  करता है और बड़ा  उत्सव है। शादी का स्वागत मुजेदार है क्योंकि नाचना करता है लेकिन शादी का स्वागत में या अच्छा खाना भी है। भारतीय शादी मेरा मन में पार्टी का तरह है। यह बहुत मुजेदार उत्सव है। मेरा मन में यह बड़ा अंतर भारतीय शादी और अमेरिकन शादी के बीच संगठन है। अमेरिकन शादी में बहुत दांचा है। अमेरिकन शादी में बहुत परंपरा और रिवाज नही है। भरतीय शादी में अधिक रिवाज है। अमेरिकन शादी चर्च में था और भारतीय शादी दुलन का घर में था। ये दोनों शादी समान भी है। अमेरिकन और भारतीय शादी में शादी का समारोह बहुत बोरिंग है लेकिन शादी के पहेले और शादी के बाद लोगो मुजेदक करता है। अमेरिकन और भारतीय शादी में सामान सतपति है लेकिन भारतीय सतपति लंबे समय लगता है। भारतीय शादी में सतपति अधिक रिवाज और यह रिवाज अधिक प्रतीकवाद है। अमेरिकन और भारतीय शादी बहुत दिलचस्प है और बहुत मुजेदक है।      

mera man pasand shaadi ki rasm

हिन्सुस्तानी शादी में बहुत रस्म होते हैं. बहुत लोग सोचते है कि हिंदुस्तानी शादी बहुत सुन्दर होता है और उनके पसंद है कैसे रंगीन वे है. मुझे कैसे बड़े हिंदुस्तानी शादी है अच्छा लगता है.  सारा परिवार (बहुत लोग) मनाते है जैसे वे ग्रीक कि शादी मनाया जाते हैं. हालाँकि मुझे बहुत शादी कि रस्म बहुत सुन्दर और मजाक लगता है, मेरा मन पसंद रस्म जुटे चुराना है.  इस रस्म में लड़की शादी में दुल्हे के जूते चुराती हैं और सरे स्वागत में एल बड़ा खेल है.  दूल्हा अपना जुटे दुदते है.  इस एक ही समय लड़की जूते छिपाती है. अगर जूते पाया जाते है तो दूल्हा कुछ नहीं लड़की को देना चाहिए.  लेकिन अगर दूल्हा रत के अंत तक जूते नहीं पाया है, तो उसको लड़की को पैसे देना चाहिए, क्योकि इस रस्म शादी का हिस्सा है.  मेरा ख्याल है कि इस रस्म एक प्रतीक भविष्य में सहयोग के लिए है.
अमेरिकी शादी और हिंदुस्तानी शादी सदृश और अलग कुछ मायनों में है.  दोनों के पास रास्म और प्रथावाला कपडे हैं.  लेकिन हिंदुस्तानी शादी ज्यादा समय/दिन लगते है. हिंदुस्तानी शादी भी एक बड प्रतीक हिंदुस्तानी संस्कृति में है और इसके कारण हिंदुस्तानी शादी और सबसे रस्म बहुत महत्वपर्ण है.

शनिवार, 23 मार्च 2013

बारात और भारतीय शादी RAINA SHETH




भारतीय शादीयो में बहुत अलग अलग रिवाज होती हैं। उत्तर और दक्षण में लोगो शादी के लिए बहुत करते हैं। मेरी सबसे प्रिये शादी की रिवाज़ बारात है। मेरी जीवन में मैं खूब शादियों में गयी हूँ। हमेशा मुजको बारात में बहुत मज़ा आती हैं। बारात में दूल्हा घोडा और हाथी पर शादी में आते हैं। उसके साथ उसने परिवार भी आते हैं। बारात में रंगीन संगीत बजते है  और दूल्हा को परिवार बहुत नाचते हैं। लोगो दोल और तबला बजते हैं और दोनों आदमी और औरोत भाग लेते हैं। बारात बहुत लम्बे नहीं  है, आमतोर पर बारात बीस और तीस मिनट होती हैं। बारात में शादी की कपडे होते हैं और  सुब लोग रंगीन कपडे पहनते हैं। बारात का  अंत में दूल्हा का परिवार दुल्हन की परिवार को मिलते हैं। तब शादी शुरू होती हैं और दूल्हा और दुल्हन एक दुसरे से मिलते है। 

अमेरिकन और भारतीय शादीयो में बहुत अंतर और समानता हैं। पहले हिंदुस्तानी शादीयो बहुत लम्बे हैं और बहुत घटना हैं। कभी कभी शादीयो तिन चार दिन से होती हैं क्योकी रोज़ एक और दो घटना हैं। मेहेंदी, संगीत, सगाई और रोक की घटना हैं और उस घटने  के बाद शादी और सवागत होती हैं। हिन्दुस्तानी शादीयो में बहुत पैसे की जरूरत हैं। हिंदुस्तानी शादियों में ही दोव्री हैं। दोव्री में दुल्हन की परिवार दूल्हा के परिवार को बहुत उपहार देते हैं। कोई बार दोव्री के लिये लड़ाई होती हैं। अमेरिकन शादी में कम लॊग हो सकते हैं और एक - दो दिन का  घटना हैं। अमेरिकन शादी दूल्हा और दुल्हन से बारे में है पूरे परिवार को नहीं हैं। 

भारतीय और अमेरिकी विवाह

मैं हिंदुस्तानी विवाह कभी नहीं गयी हूँ। लेकिन मैं बहुत हिंदुस्तानी फिल्म देखती हूँ और मेरे मता-पिता जी ने हिंदुस्तानी शादी की थी। मेरी मन पसंद रिवाज "जूता छुपा" है। यह बहुत मजेदार और रोमांचक रिवाज है. दुल्हन की बहनों और चचेरे भाई उसकी शादी के दिन पर दूल्हे के जूते छुपा. जब शादी खत्म हो गया है दूल्हे ने अपने जूते के लिए खोज किया। दुल्हन के परिवार पैसे के लिए पूछते है। दूल्हे उन्हें भुगतान करता है और अपने जूते वापस हो जाता है. मेरे चचेरे बहेन एक आधा भारतीय और आधे यहूदी शादी थी। तो हम दूल्हे के जूते चुराए लिया! यह बहुत मजेदार था! 
हिंदुस्तानी शादी


भारतीय और अमेरिकी विवाह के बीच कई मतभेद हैं। अमेरिकन विवाह बहुत कम है। हिंदुस्तानी शादी बहुत लम्बी है। कभी कभी वे दो हफ्ते लंबे हैं। हिंदुस्तानी शादी आम थोर पोर बड़ी है। सब लोग परिवार में  आये और बहुत गाना और नाचना और खाना हैं। अमेरिकन शादियों  रूप में कई घटना नहीं है. अमेरिकन शादियों में दुल्हन सफेद पहनती है. आम तोर पर हिंदुस्तानी शादी में, दुल्हन लाल पहनावा पहनती है।  भारतीय शादियों में दुल्हन उसके हाथ और पैर पर मेंहदी पहनती  है. हिंदुस्तानी शादी की रस्म जटिल है. मुझे अमेरिकी शादियों सरल लगता है.

अमेरिकन विवाह
शादियों के दोनों प्रकार के सुंदर हैं। वे दोनों विशेष हैं। मुझे आशा है कि एक दिन, मैं एक शादी की है कि दोनों अमेरिकी और भारतीय प्रभाव है

शादी का रस्म - नीयति

मैं हिंदुस्तानी शादी कई बार गयी हूँ और हर बार मुझे बहुत मज़ाक आया। मेरी पसंदीदा रस्म मेहँदी और बारात की रस्म हैं. सब नारी मेहमान मेहँदी कर सकतीं हैं. बहुत सुन्दर लगता है। लडकियाँ बहुत ज्यादा कला-कार्य कर सकें ताकि सब लोग को अलग पैटर्न है। फूलदार  पैटर्न कर सकें, अमूर्त पैटर्न, वगैरह. मैंने कुछ शादी जाकर किसी से मेहँदी की और हर बार बहुत खुबसुरत लगता है। लेकिन मेहँदी करके नाच गाना नहीं कर सकते क्योकिं मेहँदी मलिन कर जाए। इसलिए दुल्हन का गर जाकर पहले खाओ और नाचो। फिर मेहँदी करो. मैंने मुश्किल तरह से यह सिखा।

मुझे बारात पसंद है क्योंकि दिलचस्प और रंगीन है। दुल्हा घोड़ी चढ़ता है और वह लगता है जैसे राजा हैं. इस रस्म में सब लोग खुश होता है। सब उम्र के लोग गाते, नाचते, और ताली बजाते हैं। अंत में दुल्हन का परिवार दुल्हा को स्वागत करता है। सब कुछ उत्तेजक है. कपड़े रंगीन हैं, संगीत ज़ोरदार है, लोग हंस रहते हैं -- हर इन्द्रिय प्रयोग की जा रही है.  


कई तरह से अमरीकी शादी अलग होती हैं. वे इतने लम्बे नहीं हैं. जितने घटने हिंदुस्तानी शादी में हैं इतने अमरीकी शादी में नहीं हैं. हिन्दुस्तानी शादी में बहुत रस्म हैं -- कुछ मजेदार हैं और कुछ मिथ्या धर्म के कारण हैं. उसके अलावा अमरीकी शादी में लोगों के कपड़े इतने रंगीन नहीं. इतने चमकीले नहीं.

मैंने शादी के दोनों प्रकार देखि और दोनों बहुत अच्छा हैं. लेकिन हिन्दुस्तानी शादी मुझे ज्यादा सुंदर और मजेदार लगती हैं.




Ashley's Blog on Indian Wedding Customs

भारीतय शादियों में मुझे बहुत मज़ा आता है। अपने ज़िन्दगी में मैं दो या तीन शादियाँ में गयी हूँ। एक शाइदि में मैं लड़के के परिवार से आई थी, और दुसरे दो शादिय मैं दुल्हन के परिवार से आई थी। दोनों लड़के और लड़की के परिवार से एक रिवाज होता है शादियों में, जिस में मुझे सबसे जादा मज़ा आता है और वोह है मेहंदी रात। मेहंदी रात में, सारे लड़कियों के हाथ में मेहंदी लगाई जाती है। जिन को मेहंदी लगाने आती हैं, उनको बहुत सुन्दर से डिजाईन आते है लगाने सब के हाथों पर। मेहंदी रात में जो दुल्हन होती है, उसके पूरे हाथों और पेरो पर मेहंदी लगाई जाती है। जब सब लोग मंदी लगाते है, बहुत जश्न मनाया जाता है। यह रिवाज पूरे रात को चलता है और ताकि किसी को नींद न आये, पूरे रात को संगीत चलता है और नाच गाना भि। मुझे इस वाजे से बहुत मज़ा आता है क्यूंकि मुझे बहुत कुशी मिलती है दूसरो को नचाने में। 

भारतय शादियों में और अंग्रेजी शादियों में बहुत अंतर होता है। सबसे बड़ा अंतर जो मुझे दीखता है इन दो किसिम के शादियों में, वोह है सब के कपडे। भारित्य शादियों में दुल्हन बहुत रंगीला सारी या लेंघा पहेनती है। आम तोर पर वह लाल रंग का होता है। लेकिन अंग्रेजी शादियों में दुल्हन केवल सफेद रंग का ड्रेस पहेनती है। एक और अंतर जो मुझे दीखता है, वोह है शादी का समय। जब भी में भारित्य शादी में जाती हूँ, कम से कम दो या तीन दिन के लिए चलता है क्यूंकि इतने सारे रिवाज होते है। लेकिन अंग्रेजी शादी तो एक दिन में ही ख़तम होता है। 

गुरुवार, 21 मार्च 2013

सात कढ़ियाँ और अमरीकी रस्म

जो भोजपुरी बोलनेवाले लोग गयाना, त्रिनिदाद, और सूरीनाम में बस आये, वे अवध-बिहार से अपनी परम्पराएँ ले आये।  आज-कल गयाना में ये उन्नीसवीं शताब्दी परम्पराएँ हिन्दू शादियों में दिखाई जाती हेैं।

शादी चार दिन मनाई जाती है।  चूँकि दूसरे दिन में सब पूजा किया जाता है और दुल्हा-दुलहिन सप्तपदी करते हैं इसलिये यह सबसे मुख्य दिन है।   ख़ास शाकाहारी खाना सब मेहमानों को परोसा जाते हैं।  यह खाना 'सात कढ़ियाँ' कहा जाता क्योंकि दुलहन का परिवार सात कढ़ियाँ पकाते हैं - कद्दू, पालक, विलायती फल, चना, बैंगन, अरवी, और मूँग की दाल।  सब लोग फ़र्श या कुर्सियों पर बैठ कर खाते हैं, दुल्हा-दुलहन को सलाम देते हैं, और मज़ा करते हैं।  तीसरे और चारवाँ दिनों में दुल्हा और दुलहन के परिवार अलग-अलग अपनी पार्टी में मानाते हैं, इसलिये 'सात कढ़ियाँ' एक ही परम्परा जिस में दोनों परिवार मिलते हैं।  (शायद पुराने ज़माने में अर्थ था कि दो परिवार पहली बार नमक साथ खाते हैं, लेकिन मुझे सहि मतलब पता नहीं।)  शादी का ख़बर सुन कर, बच्चे इस रस्म का इन्तज़ार करते हैं।  यह रस्म बारह बजे शुरु होती है और खाना लगभग छ: घण्टे परोसा जाता है।

अमरीकी शादियों में खाना भी परोसा जाता है लेकिन मतला मतलब अलग है।  कभी-कभी ख़ास खाना है और शादी का केक ज़रूरी है, लेकिन अकसर जो भी खाना दुल्हा-दुलहन को पसन्द है, वह पकता है।  हर हिन्दू शादी गयाना में 'सात कढ़ियाँ' मिलती हैं।  यह रस्म दोनों परिवारों के लिये हैं, मतलब, यद्यपि दुल्हा-दुलहन पूजा और दूसरी धर्मिक चीज़ें करते हैं, फ़िर उनके रिश्तेदार और दोस्त आपस में मज़ा करते हैं।  अमरीका में दुल्हा-दुलहन पूरी शादी में केन्द्र हैं और सब मेहमानों को दुल्हा-दुलहन का ध्यान से देखना पड़ता है।  'सात कढ़ियाँ' की रस्म बताती है की शादी दो परिवारों के बीच में है।

बुधवार, 20 मार्च 2013

Wedding customs

भारतीय शादियाँ खूब धूम-धाम से मनाई जाती हैं। बहुत सरे अलग-अलग संस्कार और रिवाज को शादी में लोग मानते हैं। भारत में साडी परिवार और दुसरे संबंध जैसे की मत की बहनों या नाना-नानी सब शादी की तेयारियो की मदद करते हैं। हिन्दू शादी के कपड़े और दुल्हन की सज-दज मुझे सबसे अच्छे लगते हैं। दुल्हन शादी की समय भुत  भरी कपड़े पहनती है। पुरे साडी पर भूषण और चमकती हुई चीज़े लगी हैं। मुझे कपड़ो का लाल रंग पसंद है क्योकि मेरा मन-पसंद रंग लाल है। दुल्हन अपने पुरे शरीर पर सोना और चंडी की  आभुषण पहनती है। कभी-कभी अपनी माँ या ससुराल वालो की आभुषण  भी पहनती है। यह परिवार का एकता संबंध का महत्व मुझे अच्छा लगता है क्योकि माता-पिता और अपने अपने परिवारों ने ही हमे नाम दिया है। दुल्हन पर महंदी लगाना एक और भुत ही सुंदर सा रिवाज है. सब लडकिय दुल्हन के साथ-साथ महंदी लगवाती हैं। मुझे यह रिवाज मेरी मामी की शादी में इतना पसंद आया के मैंने माँ को महंदी लगनी की क्लास में डालने के लिए पुछा। कुश सालो पहले मैंने महंदी लगाना सेखा। मुझे खुबसूरत पैटर्न बनाने में बहुत मजा आता है। दुल्हे पर हल्दी लगाना एक और मजेदार रिवाज है. जब मैं छोटी थी, मैंने मेरे मामा के शादी में उनके शरीर पर हल्दी फेलाया। वह पूरा पीला दिखाई दिय। भारतीय शादियाँ अमेरिकी शादियाँ से काफी अलग है। भारतीय शादी में वैसे लगनता है जैसे परिवारों की शादी हो रही है। प्रेम-विवाह भुत ज्यादा नहीं होती। अमेरिकी शादी में दुल्हन लाल नहीं सफेद कपड़े पहनती है। वह बहुत ज्यादा चमकती भी नहीं। अमेरिकी शादी में दूल्हा-दुल्हन आपस में एक दुसरे को अन्घुटी पहनने है, लेकिन भर्ती शादी में म्नग्ल्सुत्र पहनते है। जब दुल्हन विवाह हो रही है हिंदुस्तानी परिवार उदास होती है लेकिन अमेरिकी परिवार को ज्यादा कुछ फर्क नहीं पड़ता है क्योकि बच्चे बड़े होने के बाद एले रहते है। अमेरिकी शादी दो प्रेमी के बीच होती है।   

मंगलवार, 19 मार्च 2013

Indian & American Wedding Customs- Arsh Patel


HW-14 Write a composition about your views (250 words) on one of your favorite Indian Wedding customs, on the blog. What are the differences between Indian marriages and American marriages? 


हिन्दुस्तानी और अमरीकी शादियों में बोहुत फरक होता है। शायद सबसे बड़ी अंतर उन दोनों में यह है की अमरीकी शादियाँ आम तौर पर प्रेम विवाह होते है और हिंदुस्तानी शादियाँ में शादी से पहले लड़का लड़की एक दुसरे से मिलते नहीं है। उन दोनों का सबंद उनके माता पिता तेह करते है। हिन्दुस्तान में आम तौर पर जब एक लड़की यह लड़के का शादी की उम्र हो जाती है तब माता पिता उनके रिश्तिदारो यह दोस्तों को पूछ कर किस्सी न किस्सी लड़की यह लड़के को उनके बेटी यह बेटी के लिए दूंद लेते है। जब कोई मिल जाता है तब लड़का लड़की एक दुसरे को देखते है और जब बात पकी हो जाती है तब शादी धूम धाम से होती है। इन शादियों में लोग मानते है की प्यार तो बाद में होगा। मतलब की शादी के बाद प्यार हो जयेग। अमेरिका में शादियाँ आम तौर पर प्यार होने के बाद होती है। लड़का लड़की एक दुसरे को मिलते है शायद काम पर यह स्कूल में। मिलने के बाद  अगर वह एक दुसरे को पसंद करते है तो कूच वक़्त के लिए डेटिंग शुरू करते है। उस वक़्त वह दोनों बोय्फ्रेंद और गिर्ल्फ्रेंद कहे जाते है। फिर लड़का लड़की से प्रोपोसे करता है एक अंगूठी। फिर वह अपने मत पिता को बताते है और शादी करते है. अमरीकी शादी सिर्फ एक दिन की होती है। आम तौर पर यह शादी एक चर्च में होती है। सारे रिश्तिदारी और दोस्त लड़की और लड़के के आते है। एक प्रेइस्त होता है और वह शादी करता है। शादी में लड़का लड़की एक दुसरे को अंगूठीयां पहनते है। फिर वह एक दुसरे को किस करते है। हिन्दुस्तानी शादियाँ बोगुत अलग तरीके से की जाते है। यह शादिय काफी दिन की हो सकती है। एक दिन संगीत हो सकता है या एक दिन गरबा भी हो सकते है (गुजरती शादियाँ मैं). शादी के दिन लड़की लाल रंग की साड़ी पहेनती है और लड़का अचकन पेहेनता है। शादी में लड़की एक डोली में आती है और शादी में लड़का लड़ी एक दुसरे को हार पहनते है। लड़का लड़की को एक मन्हाल्सूत्र पहनता है और लड़की के मांग में संदूर भरता है। दोनों सात फेरे भी लेते है। हिन्दुस्तानी शादियाँ में मेरा सबसे मन पसंद हिस्सा यह है जब लड़की वाले दूल्हे के जूते चोरी करते है और फिर जूते वापस देने पर पैसे मांगते है।

शुक्रवार, 15 मार्च 2013

नीयति की कहानी

अनीता और अंजलि कई सालों से अच्छे दोस्त हैं. पिछले महीने अनीता का पचीसवां जन्मदिन था. अंजलि जानती थी कि हाल में अपनी सहेली कि जिंदगी बहुत ज्यादा व्यस्थ और तनावपूर्ण हो गयी. अंजलि चाहती थी कि अनीता के लिए वह एक पार्टी का आयोजन कर दे.

उसने छिपकर अपने दुसरे दोस्तों को फ़ोन किया और उनके मदद के लिए पूछ लिया. एक दोस्त ने कहा कि अपने माता-पिता के पास एक अवकाश का घर है, और वे अंजलि को इसका इस्तेमाल करने देंगे.

 "वाह!" अंजलि ने कहा. "बहुत अच्छा! अनीता एक आरामदेह छुट्टी की जरुरत है."

अगले वीकेंड अंजलि वह अवकाश का घर चला गयी और उसने अपने दोस्तों को बुलाये. उन्होने सारे घर को अलंकृत किये और अतिथि, संगीत, और खान के बारे में योजना बनाये. अंजलि को मालूम हुआ कि अनीता और अपने माता-पिता बहुत समय से नहीं मिले. इसलिए अंजलि ने अनीता के माता-पिता को फ़ोन किया और उनको निमंत्रण दे दिया. फिर हर दोस्त एक चीज़ लाने चुना.

"मैं कुछ मिठाइ ला दूँगी" एक लड़की ने कहा.

"और मैं अनीता लेकर यहाँ आ जाऊंगी," अंजलि ने कहा.

पार्टी के एक हफ्ते पहले अंजलि ने अनीता को फ़ोन किया.

"इस वीकेंड तुम्हारा जन्मदिन होगा! मुझे आपके लिए खाना खरीदने दो."

"कितना अच्छा दोस्त हो, अंजलि! शुक्रिया."

पार्टी का दिन को अंजलि अनीता को निर्धारत स्थान से लेकर चला गयी. कुछ समय के बाद अनीता ने कहा,

"अंजलि, इस होटल ज़रा दूर लगता है. तुम खो गयी?"

"जी नहीं, अनीता. मैं तुमको चकित कर दूँगी!"

उन्होने अवकाश का घर पहुंचा और वहां अनीता के परिवार और सब दोस्त बाहर खड़ा हुए थे.

"क्या?!" कहा अनीता.

"तुम्हारा 'होटल' यहाँ है!" अंजलि मुस्करा गयी. "खाना खा लो, नाच लो, और आराम कर लो!"

"वाह!" अनीता ने सब लोग को कहा. "बहुत शुक्रिया!"