सोमवार, 5 नवंबर 2012

Ankita - जब मैं भारत जाऊं


अंकिता बधवार
नवम्बर ५, २०१२
जब मैं भारत जाऊं
जब मैं भारत जाऊं, तब मैं दिल्ली जाऊं क्योंकि वहां मेरे मामी और मामा जी रहते हैं. अगर मैं जाऊं, तो मैं कोशिश करूं की मैं ताज महल और ऐसी और इमारतें देखूं. मेरा बहुत मन है कि मैं बुलुंद दरवाज़ा, हवा महल, इंडिया गेट और ऐसी और भी विख्यात स्थानों को देखूं. वैसे मैंने ताज महल, बुलुंद दरवाज़ा, और इंडिया गेट पहले देखें हुए हैं, लेकिन अगर मैं भारत जाऊं, तो मैं इन सब को फिरसे देखूं. मैं मंदिरों की यात्रा पर भी जाऊं. मेरी माँ और उनके छोटे भाई बहुत धार्मिक हैं और उनको मंदिरों में जाकर भगवन के दर्शन करना बहुत अच्छा लगता है. इस लिए, अगर मैं भारत जाऊं, तो मैं मंदिरों के दर्शन करूं. मैं अपने परिवार से भी मिलूँ. मेरी माँ का परिवार तो आम तौर पर दिल्ली में ही रहता है लेकिन मेरे पिता जी का परिवार शिमला, चंडीगढ़, और यमुनानगर मैं रहता है. इस लिए, मैं शिमला, चंडीगढ़, और यमुनानगर जाऊं ताकि मैं उनसे मिल सकूं. मैं बहुत सारी शौपिंग भी करूं. आज कल हिंदुस्तान में अनारकली स्टाइल के सूटों का रिवाज़ चल रहा है और मुझे ऐसे सूट बहुत पसंद हैं. इस लिए, मैं भारत जाकर ढेर सरे अनारकली स्टाइल सूट खरीदूं. मुझे चुदियाँ भी बहुत पसंद हैं लेकिन मेरे पास बहुत सारी चुदियाँ नहीं हैं. इस लिए, मैं चुदियाँ भी खरीदूं. मैंने मुंबई और गोवा के बारे में बहुत कुछ सुना है लेकिन मैं वहां कभी नहीं गयी. तो, अगर मैं भारत जाऊं, मैं मुंबई और गोवा भी घूमों. भारत जाकर मैं मेहँदी भी लागून क्योंकि मुझे मेहँदी का बहुत शौक है. लेकिन इन सब चीजों से बढकर, मैं भारत जाकर, हिन्दुस्तानी खाना खाऊँ जो यहाँ नहीं मिलता. मेरी माँ बहुत अच्छा खाना पकाती हैं लेकिन यहाँ, अमेरिका में, भारत जैसे गोल गप्पे, चाट, भुट्टे, कुल्फी, बंटे, और ये सब चीजें नहीं मिलती. इस लिए, मैं वहां जाकर ये सब चीजें खाऊँ. 

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