मंगलवार, 20 नवंबर 2012

भूल


ज़ाहिर है कि बच्चे गलतियाँ करते हैं। लेकिन कभी-कभी बूढ़े लोग बच्चों को ख़राब आदतें सिखाते हैं या बच्चे बूढ़ों से कुछ-कुछ सीखते हैं।  बच्चे बूढ़े लोगों के कारण कभी-कभी शैतान बनते हैं।

एक पड़ोसी, ज़ौग साहब, एक बूढ़े आदमी थे जिसकी पत्नी मरी हुई थी।  वे जर्मनी से द्वितीय विश्वयुद्ध के बाद अमरीका आये थे।  मुझे नहीं पता क्या करते थे, मतलब, क्या उसकी नौकरी थी, लेकिन जब मैं पैदा हुआ था वे काम नहीं करते  शायद जब मेरे माता-पिता अमरीका आये तब वे कुछ भी करता हों।

मेरे एक ही भाई हैं जो मुझसे दो साल बड़े हैं।  बचपन में लगता था कि हम जुड़वाँ थे।  हम गर्मी में अपने घर के पीछे दिन भर खेलते थे।  इसलिये हम ने बहुत चीज़ेन, जो ज़ौग साहब ने बोली, सुनी।  फ़िर हम दुबारा आपस में बोले।  एक दिन हमारी माँ हम को सुन कर चौंक गई क्योंकि हमको सारे गालियाँ आती थी।  उसने हम को डाँट कर समझ गई कि हमारी गलती नहीं थी।  ज़ौग साहब और पड़ोस का डाकिया, दूसरा बूढ़ा आदमी, रोज़ दोपहर को बात करते थे।  वे कितने गन्दे शब्द मुझे सीखाते थे!

फ़िर माँ ने हमको ज़ौग साहब के पास नहीं खेलने दिया था और हम सब शब्द भूल गये क्योंकि बच्चे नहीं याद करते हैं।  लेकिन मैं आज-काल अपनी भाषा की देखबाल करता हूँ।  मैं छात्रों और अपने परिवार के सामने साफ़ से बोलता हूँ।  मैं सीखा है कि बच्चे गलतियाँ कर सकते हैं लेकिन पता है कि बच्चे सीखते हैं, मतलब, युवे लोग बच्चों को ख़राब आदतें सिखाते हैं।

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