मंगलवार, 12 फ़रवरी 2013

Neeyati - अनीता देसाई

अनीता देसाई का जनम 24  जून 1937  हुआ. उस समय उसका नाम अनीता मजुमदार था. उसकी माता जर्मनी से थी और उसकी पिता जी बांग्लादेश से थे. उसने दिल्ली में "क्वीन मैरी हायर सेकेंडरी स्कूल" में पढाई किया और फिर दिल्ली का यूनिवर्सिटी गयी. वहां उसने अंग्रेजी का साहित्य पढ़ा.  

अनीता का पहला उपन्यास "मयूर" 1963 में निकला. उसका जटिल कथानक के लिए उसको मान्यता देता. वह पारिवारिक संबंध या मध्यम वर्गीय स्त्री के बारे में लिखती है. वह भारत के बारे में भी लिखती है, सहित एक कहानी कि कलकत्ता के बारे में है. 1977 में उसका उपन्यास "Fire on the Mountain" के लिए उसने "Winifred Holtby Memorial" का पुरस्कार मिला. उसके बाद उसने कई कहानियां लिखीं और उनसे बहुत पुरस्कारों के लिए नामित हो गया. 1994 में उसका उपन्यास "In Custody" एक फिल्म बन गया. 

अब अनीता देसाई साहित्य का राजकीय समाज का एक सदस्य है. उसके अलावा वह कई और प्रतिष्ठित संगठन का 157सदस्य है. अमेरिका में रहती है और Massachusetts Institute of Technology में रचना पढ़ाती है.

अर्श पटेल- महात्मा घंधी ब्लॉग पोस्ट

महात्मा घंधी एक बोहुत प्रसिद्ध हिन्दुस्तानी आदमी है। घंधी जी का जनम अक्टूबर 2, 1869 में हुआ था। उनके माता पिता का नाम पुतलीबाई और करमचंद गाँधी था। उनका जनम पोरबंदर गुजरात में हुआ था। घंधी जी ने पढ़ई लंडन में की थी क़ानून के बारे में। उनको भारत की आज़ादी के लिए ब्याज था। लेकिन जब उन्होने उनकी पढ़ई लंडन में ख़तम की तब वह साउथ अफ्रीका में रहने के लिए चले गए बीस वर्ष के लिए। वहां उनको जो भी भारत में हो रहा था बिलकूल पसंद नहीं था। उस वक़्त भारत में इंग्लैंड का राज चल रहा था। इंग्लैंड के आधिकरियाँ जो भारत में थे वोह हिन्दुस्तानी लोगों को अनुचित से व्यवहार कर रहे थे। जब वह साउथ अफ्रीका में रह रहे थे तब उन्होने सत्याह्रह की केम्पेन शुरू की। ईसका मतलब है की उनको आज़ादी भारत के लिए चाहिए थी लेकिन हिंसा का बिना। उस वक़्त महात्मा घंधी बोहुत प्रसिद्ध थे क्यों की उन्होने हिंसा के बिना और शान्ति से आज़ादी के लड़े। 1914 में घंधी जी भारत वापस आयें।वहाँ वह भारत नेशनल कांग्रेस के एक अधिकारी बने। भारत में उन्होने गरीब किसानो की भी मदत की करों के खिलाफ। घंधी जी ने महिलाओं के अधिकारों, गरीबों की मदत और भेदभाव के खिलाफ शान्ति के लिए लड़े। यह सब आचें काम करने के इलावा भी घंधी जी को जेल में दाल गया क्यों की कुछ लूगों को उनका काम पसंद नहीं था। लेकिन जब वह जेल से 1931 में निकले तब उन्होने लन्दन राउंड तेबे कांफ्रेंस में बात चित की और उसके बाद एक वर्ष में (1947) भारत आज़ाद हो गया। महात्मा घंधी ने उनके जीवन में बोहुत अच्छे काम किये थे।

Dev Anand (Arpita Mohanty)


 देव आनंद
देव आनंद: भारत का  फिल्म स्टार

 देव आनंद जी भारतीय सिनेमा के इतिहास में सबसे प्रभावशाली अभिनेता है। वह पंद्रह साल के लिए फिल्मों में काम किया। देव आनंद जन्म 26 सितम्बर 1923 था। वह पंजाब में जन्म था। उसका तीन भाई और एक बहेन और बचपन में घरोटा गांव में रहेता था। वह ग्रेड स्कूल कत्म के बाद वह हिमाचल प्रदेश में कॉलेज गया, फिर लाहौर गया और उसने  'इंग्लिश लिटरेचर' के साथ ग्रेजुएट किया। 

देव आनंद ने अपना फिल्म करियर 1946 में  शुरुर किया। उसका पहेला फिल्म 'हम  एक़  हैं' था।  लिकिन वह लेड अभिनेता नहीं है, तो वह पहेली बड़ी फिल्म 'जिद्दी' था। 1949 में, देव आनंद ने न्य कंपनी बनाया। यह कंपनी का नाम 'नवेक्तन फिल्म्स' था। उसका पहेला फिल्म अपना कंपनी के साथ 'बाज़ी' था। देव आनंद, गीता बलि और कल्पना कार्तिक बहुत आच्हा अभिनय किया था। कल्पना कार्तिक और देव आनंद पांच फिल्म में थे और 'टैक्सी ड्राईवर' का शूटिंग में, कल्पना और देव प्यार हो गया! देव आनंद ने प्रस्ताव किया और उन्होने शादी किया। दो साल के बाद, देव और कल्पना एक बेटे का जन्म हुआ था और फिर एक बेटी जन्म हुई थी। अपने पूरे कैरियर के दौरान, देव आनंद एक सौ चार फिल्म में था। वह ग्रेगरी पेक भारत से जाना जाता था लिकिन देव अनद को तुलना पसंद नहीं है। 

देव आनंद को 88 साल की उम्र में तीन दिसम्बर 2011 को लंदन में मृत्यू हो गया। यह दिन बहुत उदास था और बहुत लोगो ने अपने अपने सहानुभूति भिजाया। 

मुझे यह संगीत बहुत पसंद है: http://www.youtube.com/watch?v=qgFMp50UrMU 



Shabab- Famous Indian

मैं शाहरुख खान के बारे में लिखूंगा। वह मेरा मन पसंद अभिनेता  है। मैं उनके फिल्मे देखकर बदी हुई हूँ। शाहरुख खान दो नवम्बर 1965 में जन्म हुए थे। वह  एक पठान मुस्लिम है। उन्होंने आपना  व्यवसाय थिएटर से शुरू की थी। वह फौजी नाम के एक सीरियल में काम करते थे। वह फिल्मे शुरू करने के पहले ही शादी करली। उनका बीवी का नाम गौरी है और उनके दो बच्चे है आर्यन और सुहाना। फिल्म दिलवाले दुल्हनिया लेजयेंगे करने के बाद वह बहुत मशहूर हो गए। उनको बहुत सरे पुरुस्कार मिले। न्यू यॉर्क टाइम्स मैगज़ीन ने कहा की शाहरुख़ खान दुनिया के सब से ज्यादा मशहूर अभिनेता है। आज वह एक डिस्ट्रीब्यूशन कंपनी का चेयरमैन है और एक क्रिकेट टीम का मालिक भी है। आज वह  मुंबई में रहते है उनके परिवार के साथ। इनके व्यवसाय में उन्होंने 70 से ज्यादा फिल्मे की है। उनके पिछले फिल्म जब तक है जान थी और वह  अभी भी फिल्म करते है।


A.R Rahman Biography

 A.R Rahman
By Nithin Edara

ए . अर . रहमान भारत का सबसे अच्छा फिल्म संगीतकार है। उन्होंने इक्कीस साल के लिए हिंदुस्तानी फिल्म संगीत बनाया है। इस समय में वह पन्द्र फिल्म्फारे, चार नेशनल, एक गोल्डन ग्लोब, दो ग्राम्मीस, और दो आस्कर्स जीत गया। लेकिन ये पुरस्कार और फिल्म से पहले, रहमान साब सिर्फ एक बच्चा है चेन्नई में। उसका पिता का नाम अर . के . शेकर था और वह भी संगीतकार था। जब रहमान साब नौ साल की अम्र उसका पिता मर गया। जब वह ग्यारा साल होऊं तो रहमान साबने संगीत वाद्ययंत्र बजने शुरू किया। 1989 में, जब उसकी बहन बीमार होए तो वह इस्लाम बना गया।
तीन साल के बाद रहमान साबने  अपना अपना व्यापार शुरू किया। उन्होंने पंचानातन रेकॉर्ड इन बनाया उसका घर से पीछे। यहाँ रहमान उसका कुछ सबसे अच्छा संगीत बनाये। उसका पहला फिल्म का नाम रोजा था। इस फिल्म के बाद तमिलनाडु में वह बहुत प्रसिद्ध हो गया था क्यूंकि रोजा एक तमिल फिल्म थी। तीन साल के बाद वह सारे हिन्दुस्तान में प्रसीद्ध हुआ थी क्यूंकि उसका पहले हिंदी फिल्म "रंगीला" निकला। इस फिल्म के लिए रहमान साब उसका पहले फिल्मफेर पुरस्कार जीत गया था। और तेहरा साल के बाद रहमान साब ने स्लुम्दाग मिल्लॆअनेर का संगीत बनाया। यह उसका पहला अंग्रेज़ी फिल्म थी। और इस के लिए वह एकादमी अवार्ड जीत हुआ था। इसलिए वह सरे दुनिया में प्रसिद्ध हुआ था। और अब रहमान साब हिंदुस्तानी, तमिल, और अंग्रेज़ी फिल्म पर कम करता है। सारे दुनिया को  उसके सात काम करने चाहिए। वह बहुत व्यस्त है।

रवि शंकर Raina Sheth

रवि शंकर 

रवि शंकर एक उत्कृष्ट और बड़े भारतीय संगीतकार था। वह दो महेने पहेले मर गया, और लोगो उसके अब तक उसके आराधन करते है। उसका जन्म 1920 में था वाराणसी में रवि शंकर का भाई उदय शंकर एक नूत्य टोली में था इस लीय  बचपन में रवि शंकर उसका भाई के साथ पूरे भारत और यूरोपगया। जब शंकर यूरोप में थेउसके माता-पिता की मुत्यु हो गया।  

1938 अल्लाडून खान ने रवि शंकर से  छे साल सितार सिख्वाया। सितार सीखने के बाद शंकर संगीतर बन गया और बहुत प्रसिद्द हूँआ। । उसने पूरे दून्य में यात्रा की और बीटल्स (The Beatles ) के साथ संगीत लिखा। इस समय में रवि शंकर अमेरिका और यूरोप में भी प्रसिद्ध था क्योकि वह ऑर्केस्ट्रा (Orchestra) का संगीत लिखता था। उसने  तीन ग्रैमी अवार्ड (Grammy Award) मिला। रवि शंकर बहुत संगीत लिख रहे थे लेकिन वह छे साल सरकार संसद में कम किया। 

रवि शंकर को तीन बच्चे हैं दो बेटी और एक बीटा। सब बच्चे सितार बजते है और संगीतकार हैं। उसकी एक बेटी, नोराह जोंस (norah jones) अमेरिका में रहेती है और उसने भी चार साल पेहला ग्रैमी अवार्ड मिला। शंकर को दो बीबी थे। उनकी मूत्यु के समय में वह सुकन्या राजन के साथ था। 

रवि शंकर ग्यारह दिसम्बर 2012 को मर गया कैलिफ़ोर्निया (California) में। शंकर की मौत के बाद हिंदुस्तान का राष्ट्रपति और प्रधान मंत्र शोक दिया। पूरी दुनिया रवि शंकर को हमेशा यद् करे। 

सोमवार, 11 फ़रवरी 2013

आर. के. नारायण, भारतीय लेखक

आर. के. नारायण बीसवीं शताब्दी का बड़ा भारतीय लेखक था।  उसने अपने
दस-पंद्रह उपन्यास और बहुत कहानियों में दक्षिण भारतीय संस्कृति के बारे में लिखा।

नारायण मद्रास (आज-कल चेन्नई) में सन् 1909 में पैदा हुा था।  उसने अंग्रेज़ी साहित्य पढ़ा और कुछ समय अंग्रेज़ी पढ़ाई, लेकिन उसका दिल लिखने में लगा।  उसने इंगलैंड रहते हुए दोस्त को एक उपन्यास भेजा, जो अंग्रेज़ी उपन्यासकार ग्राॉम ग्रीन के द्वारा पढ़ा गया।  ग्रीन ने नारायण की मदद की और अपने प्रकाशिक को दे दिया।  यह उपन्यास, 'स्वामी और दोस्त,' 1935 में प्राकित हुआ, और नारायण साठ साल लिखता रहता था।  एक फ़िल्म 1965 में
उसका सबसे प्रसिद्ध उपन्यास, 'गाईड,' से बनी।

उसने कल्पित गाँव 'मलगुदी' बनाया, जिसमें मज़ेदार और सामान्य लोग रहते हैं।  नारायण ने दक्षिण भारतीय की ज़िन्दगी दिखाने की कोशिश की।  उसने 'अंग्रेज़ी अध्यापक' में, जो थोड़ी सी आत्मकथा था, अपी युवी बीबी की मृत्यु सुनायी और कैसा उसने ख़ुद अपनी बेटी की देखबाल की।  उसने 'मिठाईवाला' में जवान लोग, जो स्वतंत्र के बाद पैदा हुए थे और ज़्यादा पश्चिमी थे, और बूढ़े गांधी की तरह लोगों की लड़ाई दिखाई।  वह व्याजस्तुति और हवासस से लिखा करता था।

यद्यपि तमिल उसकी पहली भाषा थी और दक्षिण भारत उसका विषय था, वह अंग्रेज़ी में लिखता था।  उसने तमिल कंब रामायण अंग्रेज़ी में का अनुवाद किया।  इसलिये वह पूरा भारतीय लेखक पता हुआ था।  नारायण सन् 2001 में गुज़र गया, पर उसका भारतीय दृश्य उसके उपन्यासों में जीता रहता है।