अंकिता बधवार
8 अप्रैल, 2013
मेरे मन पसंद त्यौहार
मेरे मन
पसंद त्यौहार दिवाली
और होली हैं.
मुझे ये दोनों
त्यौहार बहुत अच्छे
लगते हैं क्योंकि
ये बहुत धूम-धाम से
मनाये जाते हैं
और इन त्यौहार
पर बहुत ख़ुशी
भरा माहौल होता
है. ये दो
दिन ख़ुशी व
प्यार बाँटने के
दिन होते हैं
और लोग अपने
परिवार व मित्रों
के साथ बहुत
मज़ा करते हैं.
दिवाली पर लक्ष्मी
जी की पूजा
की जाती है,
और हर घर
दीयों की रौशनी
से भरा जाता
है. जब से
मैं छोटी थी,
मेरी माँ मुझे
दिवाली के बारे
में एक कहानी
बताती आई हैं.
वे कहती हैं
कि जब भगवान
राम आर उनके
भाई लक्ष्मण वनवास
से लौटे, तब
अयोध्या की जनता
ने दीयों से
उनका स्वागत किया.
उस दिन से,
हर साल भारत
दीयों और रंगोली
से सजी दिवाली
मनाता है. मुझे दिवाली
बहुत पसंद है
क्योंकि दिवाली के दिन,
सब बच्चे पटाखे
जलाते हैं और
दीयों से भरे
हुए घर बहुत
सुन्दर लगते हैं.
मेरी माँ बहुत
सारा खाना व मिठाइयाँ
पकाती हैं. होली के बारे
में मेरी माँ
मुझे होलिका की
कहानी बताती थी.
उन्होंने बताया था कि
होलिका को भगवान्
से वरदान मिला
था कि चुनरी
ओढ़ने के बाद
वह आग में
बैठने से नहीं
जलेगी. लेकिन क्योंकि उसके
दिल में बुराई
थी और उसने
अपने भाई को
उसके बेटे को
मारने में साथ
दिया, जब वह
आग में बैठी,
चुनरी उससे उतरकर
प्रहलाद पर गिर
गयी. इससे, प्रहलाद
बच गया और
होलिका ही जल
गयी. इस लिए
हर साल, लोग
लकड़ी को होलिका
का नाम देकर
जलाते हैं. मुझे
होली बहुत पसंद
है क्योंकि होली
पर सब लोग
बहुत हँसी-मज़ाक
करते हैं. मुझे
दूसरों पर रंग
लगाना और दूसरों
से रंग लगवाना
अच्छा लगता हैं.
यहाँ हमें होली
खेलने का मौका
नहीं मिलता लेकिन
इस साल, मैंने
कैंपस पर अपनी
बहन के साथ
होली भी खेली.
भारतीय और अमेरिकी
त्यौहार में बहुत
फरक नहीं है.
दुनिया के सब
लोग, अपने-अपने
देशों और धर्म
के त्यौहार बहुत
धूम-धाम से
मनाते हैं. लोग
अपने-अपने घर
बहुत प्यार से
सजाते हैं और
अपने परिवार व
मित्रों के साथ
प्यार और ख़ुशी
बांटे हैं. अमेरिकी
और भारतीय त्यौहार
मैं बस इतना
अंतर है कि
भारतीय लोग हर
महीने कोई न
कोई त्यौहार मनाते
हैं और अमेरिकी
लोग साल में
सिर्फ चार-पांच
त्यौहार मनाते हैं. दुनिया
के हर कोने
में त्यौहार मनाये जाते हैं
सिर्फ इस लिए
कि लोग अपनों
के पास हों
और अपनों से
प्यार बाँट सकें.
इस लिए, दुनिया
का कोई भी
त्यौहार किसी और
त्यौहार से बहुत
अलग नहीं होता.
हर त्यौहार एक
ही शिक्षा देता
है कि मिलजुल
कर, हंसी-ख़ुशी
रहो.
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