बुधवार, 10 अप्रैल 2013

गरीबी - Akul


भारत में गरीबी समाज सबसे प्रमुख समस्या है। वर्ल्ड बैंक के मुताबिक भारत की जनसंख्या में दस प्रतिशत लोग अंतररास्ट्रीय गरीबी रेखा के नीचे रहते हैन। इसका मतलब है कि वह लोग हर-रोज़ एक डॉलर पच्चीस सेंट्स से कम पैसा बनाते हैन. और तो और करीब सत्तर प्रतिशत लोग भारत में दो डॉलर से कम पर रोज़ जीते हैं। लेकिन यूनाइटेड नतिओन्स देवेलोमेंट प्रोग्राम के मुताबिक सुन 2015 तक भारत की गरीबी सिर्फ ज्न्संखिया के बाईस प्रतिशित लोग गरीबी में जी रहे होंगे। 
भारत में ज्यादातर गरीब लोग आठ उत्तर और पूर्व राज्यों में रहते हैन. यह राज्यों हैं बिहार,  छत्तीसगढ़, झारखण्ड, मध्य प्रदेश, उड़ीसा, राजस्थान, उत्तर प्रदेश, और पश्चिम बंगाल। इन  राज्यों में जो गरीबों की जनसंख्या है वह अफ्रीका के छब्बीस सबसे गरीब देशों की जनसँख्या के ज्यादा है. 1950 से भारतीय सर्कार ने बहुत कार्यक्रम बनाए हैं गरीबी कम करने के लिये। यह कार्यक्रम बहुत मसलों पर लागु होते हैन.  कार्यक्रम खाना और अनाज की कीमत करते हैं। दुसरे कार्यक्रम धन रूप में गरीबों की सहिता करते हैं और गरीबों के लिए उधर लेना अस्सं बनाते हैन. और भी कार्यक्रम हैं जो शिक्षा को बढ़ावा देते हैं और खाती करने के नये तकनीक किसानों को सिखाते हैं। इन सब कार्यक्रमों से भारत में गरीबी कम हुई है और जो विशे गरीबी का कारण बनते हैं उने भी कम किया गया है। जैसे की अकाल और निरक्षरता पूरे देश में कम किये गये हैं। इस विशे में भारतीय सर्कार ठीक समाधान लागु कर रही हैं क्यों कि वह गरीबी के कारणों पर कम कर रही जिस वजा से सर्कार गरीबी को जद से उखड सकती है
लेकिन बहुत काम रहता है क्यों के भारत की जनसंख्या इतनी है की अगर सिर्फ दस प्रतिशित गरीबी हो तब भी दस लाख लोग गरीबी में जेराहे होंगे। जब तक गरीबी कम नहीं हो जाती भारत का विकास धीमा होता जाएगा। इसलिए गरीबी भारत के सबसे प्रमुख समस्या है।

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