बुधवार, 10 अप्रैल 2013

महिला बच्चों की हत्या -- Sumedha


भारत में एक बहुत ही बड़ा समस्या अभी भी मौजूद है. कई देशों में या समस्या रहती थी लेकिन, यह बात बड़े बड़े देशों में गायब हो गया है. शायद यह पुराने सोच का नतीजा है यह कुछ और लेकिन, महिला बच्चों की हत्या भारत में अभी भी एक बरी समस्या है. पिचले साल में एक टीवी शो देख रही थी जिसका नाम था सत्यमेव जयते. वहां पर अमीर खान हर हफ्ते भारत के एक समस्या को अँधेरे से बाहर लाता था. भारत में कोई इन विषय के बारे में बात करना चाहता लेकिन यह शो बात को लोग के सामने लाता था. एक बार वह महिला बच्चों की हत्या के बारे में बात कर रहा था. मैं चौंक गयी थी यह जानकार के भारत में यह समस्या अभी भी मौजूद है, लेकिन कोई इस के बारे में बात नहीं करना चाहते.
लोग सोचते है की यह बात सिर्फ छोटे छोटे गाव में होते है क्यूंकि वहां पर बहुत लोग किसान है और अगर उन्हें बीटा हो थो वह बड़ा हो कर परिवार की ज्यादा मदद कर सकता है. लेकिन उस शो में शोधकर्ताओं ने बता दिया के यह सिर्फ गाव या गरीब परिवार में नहं लेकिन बहुत ही बड़े और अमीर परिवारों में होते है. लोगों को शिक्षित होने के बावजूद अपने महिला बच्चों को जनम से पहले मारते है. कई परिवारों में लोग अपना ज़मीन और जायदाद अपने सबसे बड़ा बीटा के नाम पर छोड़ते है, और अगर उनके पास कोई बीटा नहीं है थो कोई नहीं होगा इनके जायदाद को सम्हाल सकता है. लेकिन यह गलत सोच है, औरत भी सम्हाल सकते है और मर्द से जो भी काम हो सकता वह औरत से भी हो सकते हैं.
कई परिवारों में जब एक औरत माँ बन्ने वाली है वह बच्चे के लिंग के अनुसार या तो मारते है या रखते है. कई लोग धोके से अपने परिवार के औरतों के बच्चे का इस्क़ात कराते है, औरत को बिना बताये. यह बात के दर से अब भारत में जनम से पहले लिंग जानना कानून के खिलाफ है.
भारत की समाज पित्रसत्तात्मक समाज है, लेकिन बड़े बड़े देशों में औरत को और समानता मिलाता है, जैसे अमेरिका जहां औरत और मर्द के अधिकारों लगभग बराबर है. भारत कई बात पर अभी भी पुराने जामने के सोच रखते है, लेकिन नए ज़माने के लोग के काम है इस सोच को बदलना. दुखी बात है की भारत एक बहुत बड़ा और चतुर देश जो दिन पर दिन बाद रहा है, लेकिन कई बात पर लोगों के सोच बहुत ही छोटा है और वह भारत को बढ़ाने से रोक रहा है.

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