सोमवार, 11 फ़रवरी 2013

आर. के. नारायण, भारतीय लेखक

आर. के. नारायण बीसवीं शताब्दी का बड़ा भारतीय लेखक था।  उसने अपने
दस-पंद्रह उपन्यास और बहुत कहानियों में दक्षिण भारतीय संस्कृति के बारे में लिखा।

नारायण मद्रास (आज-कल चेन्नई) में सन् 1909 में पैदा हुा था।  उसने अंग्रेज़ी साहित्य पढ़ा और कुछ समय अंग्रेज़ी पढ़ाई, लेकिन उसका दिल लिखने में लगा।  उसने इंगलैंड रहते हुए दोस्त को एक उपन्यास भेजा, जो अंग्रेज़ी उपन्यासकार ग्राॉम ग्रीन के द्वारा पढ़ा गया।  ग्रीन ने नारायण की मदद की और अपने प्रकाशिक को दे दिया।  यह उपन्यास, 'स्वामी और दोस्त,' 1935 में प्राकित हुआ, और नारायण साठ साल लिखता रहता था।  एक फ़िल्म 1965 में
उसका सबसे प्रसिद्ध उपन्यास, 'गाईड,' से बनी।

उसने कल्पित गाँव 'मलगुदी' बनाया, जिसमें मज़ेदार और सामान्य लोग रहते हैं।  नारायण ने दक्षिण भारतीय की ज़िन्दगी दिखाने की कोशिश की।  उसने 'अंग्रेज़ी अध्यापक' में, जो थोड़ी सी आत्मकथा था, अपी युवी बीबी की मृत्यु सुनायी और कैसा उसने ख़ुद अपनी बेटी की देखबाल की।  उसने 'मिठाईवाला' में जवान लोग, जो स्वतंत्र के बाद पैदा हुए थे और ज़्यादा पश्चिमी थे, और बूढ़े गांधी की तरह लोगों की लड़ाई दिखाई।  वह व्याजस्तुति और हवासस से लिखा करता था।

यद्यपि तमिल उसकी पहली भाषा थी और दक्षिण भारत उसका विषय था, वह अंग्रेज़ी में लिखता था।  उसने तमिल कंब रामायण अंग्रेज़ी में का अनुवाद किया।  इसलिये वह पूरा भारतीय लेखक पता हुआ था।  नारायण सन् 2001 में गुज़र गया, पर उसका भारतीय दृश्य उसके उपन्यासों में जीता रहता है।

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