गुरुवार, 11 अक्तूबर 2012

VInisha

माँ और बेटी के बीछ में जगर 

1 माँ: अरे सुनो! तुम किदर जराहो चान्दिनी? कवदर तू घर से बार मैथ जाना उग्र तुमरे कमरा साफ नहीं है। 

2 बेटी: मारे गये! माँ में थो अभी मेरा कमरा के साफ करनेवाली थी। पहला में सरे गुंडा कपड़ा को दोह्बी को देती हु। 

3 माँ: ची! उपना गंधे कपड़ा अभी भी आपके कमरा के ज़मीन पर फेला है? मना कितना बार बोला कि दोह्बी कल सरे कपड़ा दोह्राहथा।  दोह्बी वाला उब उगला हफ्ता थक वापुस नहीं आयगा।

4 बेटी: हे राम! मना थो बूल्गी के दोह्बी सरीफ एक दिन हर हफ्ता आता है। में उप क्या करू। में थो सरे गन्दा कपड़ा एस हफ्ता पना होगी। 

5 माँ: जा जा! पागल के कि। किसका बच्ची हो तुम? मेरा बच्ची बिलकुल भी नहीं गुंधा कपड़ा पेनाघी। सरे धुनिया हमारा परिवार के शान पे ऊपर हसंगे। तुम क्या पागल जसे बाते करती हु। 

6 बेटी: शुक्रिहा मुमी! वेह लो मेरा सरे गुंडा कपड़ा। आप थो धुनिया से सबसे बर्दिया माँ हो। 

7 माँ: उच्छा! यह बात में थो पहली बार सुन्रही हु। और मना कब बोला कि में तुमरे कपड़ा दौहुंगी? अजा अजा! में थो अप्पको कपडे धोना सिकौंगी। 

8 बेटी: क्या कहा! नहीं नहीं! माँ में थो उपना दोस्तो से मिलना है। वोह मेरा इन्थाज़र कराहा।

9 माँ: हट! तुम तेरा कम मेरा ऊपर डालके तुमरे सहली के साथ बार जाना जाती हो। हट! बिल्कुल भी नहीं!

10 बेटी: जी नहीं! माँ प्लेअसे मुजको जाना थो। अज शारुक खान के नई फिलिम अहरिहा। 

11 माँ: चान्दिनी तू बचकर रहेना। उग्र तुम को यह पिक्चर दकनी थी तुब तुम ने तुमरे कम कल कठूम करने चिया थी। 
 बेतिल 
12 बेटी: हे भगवन! माँ प्लेअसे मुजको जाना थो। में वादा कर्थिहू कि फिलिम के बाद हे जल्दी से घर आह्कर कम करौंगी। 

13 माँ: घिक्कर! मेरा बच्ची क्यों बकर लड़का जसे रहेथी है। तुम को गुंडा कमरा में क्यों रेना जहिहो। 

14 बेटी: अरे! आसे बात नहीं है माँ। में बस अभी जवान हु और जवान लड़की को कितने काम करना है। में अप के उम्र में सरे सफाई करुँगी। वादा करती हु।

15 माँ: क्या बोला! हट बदमाशी! मेरा उम्र में कम करगी! जब में आपकी उम्र थी थो में सारा घर के देक भाल करती थी।।

16 बेटी: उफ! माँ यह मोदेर्ण धुनिया असे नहीं हे। जब अप मेरा साल के थी थो आपको यह काम करना पड़ा। पर मुजको नहीं करना है। 

17. माँ: तू कितना बदमाशी है! हट! तुम उपना कर्म के उंदर अभी जाओ। मुजको पता नहीं के में तुमारा बात सुनथी भी क्यों।

18 बेटी: हाय हाय! मना क्या गलती की! में थो सुच हे बोल्री थी!

19 माँ: चान्दिनी कवदर तुम ऊची आवाज़ से बात करो थो। में कबी भी नहीं तुम कणों भार जाना ढोंगी। 

20 बेटी: नहीं नहीं! मुजको माफ करो माँ। में गुस्सा में कुछ जादा बोल्दिया। प्लेअसे मुजको माफ करो। में कबी नहीं असे बाते करौंगी। अभी से अभी में उपने कमरा साफ करौंगी।

21 माँ: टीक है। उग्र तुम न उपना गुलथी समाज लिया थो जा तुमरे दोस्तो के साथ पिक्चर ढेक। जसे पिक्चर कातुम होता है। घर आकर तुमरे कमरा साफ कर। 

22 बेटी: सची! माँ आप धुनिया से सुबसे बढ़िया माँ है! शुक्रिया! में बिलकुल आपके बात सुनौंगी! चल्थिहू। 



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