रविवार, 21 अक्तूबर 2012

सब से अदिक कुशी का दिन Nikhil Vohra



मेरा सब से आदिक कुशी का दिन तिन साल पहले था . उस दिन पर मुझे मिशिगन विश्वविद्यालय से चिट्ठी मिली कि मुझे कॉलेज में प्रवेश मिल गया है. तुरंत मैं कुशी से कुदा था. मैंने अपने माता-पिता को जोर से पुकारा. "मुझे प्रवेश मिल गया." वे बहुत कुशी हुए. उसके बाद दोपहर के खाने में मैंने अपने दोस्तों को बताया. मेरे दोस्तों भी बहुत कुश हुए. उसके बाद मैंने अपने शिक्षको को बताया. वे मेरे लिए भी कुश हुए. उस दिन संसार कि कोई भी चीज़ मुझे नहीं तंग कर सकती थी. में बहुत संदीप्त था. क्लास के बाद मैंने अपने घर जाकर कंप्यूटर पर मिशिगन के कपरे ख़रीदे. उस दिन में मैंने फुटबोल का अभ्यास करने के लिए एक मिशिगन कि टोपी पहनी. अभ्यास के बाद मैंने अपने रिश्तेदारों को भारत में फ़ोन किया. मेरी नानी और मेरी मसि अच्छी खबर सुनकर बहुत खुश हुई. उसके बाद मेरा सारा परिवार डिनर के लिए एक रेस्टोरेंट को गया. हम सब मेरे मन पसंद रेस्टोरेंट में खाना खाने गये . उस रेस्टोरेंट में मैंने बहुत मची खाई. उस रातको जितने छात्रों को (मेरी कक्षा से) मिशिगन यूनिवर्सिटी में प्रवेश मिल्ला, वे सब छात्र मेरे गर पार्टी के लिए आये. पार्टी के लिए हम सब ने मिशिगन यूनिवर्सिटी के रंगो के कपरे पहने. मेरी माता-पिता ने विश्वविद्यालय के रंगो एक केक बनाया. पार्टी में हम सब ने बहुत मज़ा किया. मैं वह दिन में कबी नहीं बुल सकूँगा. उस दिन से आज तक मुझे मिशिगन विश्वविद्यालय बहुत प्यार लगता है.

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