मेरी सब्सी ख़ुशी दिन था जब मेरा कुत्ता घर आया. मैं और मेरा परिवार जुलाई में दूकान गये और एक छोटा सा कुत्ता देखे. कुत्ता काले, सफ़ेद, और कतई था. कुत्ता हमको गोल गोल अंक से देखता था. यह कुत्ता हमारे दादा-दादी का कुत्ता सामान था. मैं इस कुत्ता बहौत पसंद था और मेरे बाप को यहाँ बात कहा. लकिन वे यह कुत्ता नहीं पसंद था. मेरा माँ कुत्ता को पसंद था, लकिन दोनों बड़े कुत्तो का डर था. कुत्ता केज में था, तो में और मेरी भाई दुकानदार को पुछा अगर हम कुत्ते से खेल सकते थे. कुत्ते केज से बहार आ गया और सबसे पहले मेरा बाप से गया और गोल गोल अंक से देखा. तुरंत मेरा बाप यह कुत्ता को पसंद था और मेरी माँ भी. हमको फेसला किया की यह कुत्ता हमारे घर में आएगा. मेरा भाई यह कुत्ता "बालू" कहा और कुत्ता छाल कि. यह उसके नाम था.
शाम को मैं और मेरा परिवार बालू के साथ खेलता था. हमारे एक पडोसी भी आया और बालू के साथ खेला. रात में मेरा नाना-नानी और दो मामा-मामी हमारे बालू को देखने हमारे घर आया. बालू एक और कुत्ता रास्तो में मिला और उन दोनों को दोस्त बन गया. दिन भर लोग हमारे घर में था, बालू के साथ. अच्छा खाना खाया और गेम्स खेला. यह मेरी सब्सी ख़ुशी दिन था क्योकि हमारे परिवार साथ साथ था और एक और नया सदस्य था, बालू! तीन साल के बाद बालू हमारे पास है. रोज हमारे घर में शोर और मजाक है.
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