मैं अपने पच्चीस साल में अच्छे और ख़राब दिन जीया हूँ। मैं बचपन में क्रिकेट और फ़ुटबाल (जो दुनिया "फ़ुटबाल" कहती है) खेलता था। कभी-कभी हमने जीते और मुझे जीत की सफलता हूई। मैं यात्रा करता हूँ - मैं दक्षिण अमरिका, यूरोप, भारत, और कई और जगह गया हूँ। शायद मेरा सबसे पसन्दीदा दिन विदेश में होगा। परन्तु थोड़ा सा सोचकर, मैं जानता हूँ कि सामान्या दिन था।
इतवार, १५
अप्रेल २०१२। मैं शिकागो में सागर के नज़दीक रहा, जिसकी आवाज़ मुझे सवेरे खिड़की से आई। मैं जागा और फ़्लैट छोड़ कर, गाड़ी से उत्तर गया। मेरी बुआ स्कोकी में रहती है, जो दिलचस्प शहर है जिसमें परदेसी लोग सब देशों से रहते हैं। मुझे अपने बचपन से स्कोकी पसन्द हुआ है। मेरी बुआ का एक ही बेटा है, जो विश्वविद्यालय में पढ़ाई करते थे, तो वे अकेली थी। मैं मिशीगन के विश्वविद्यालय के निमंत्रण का इन्तज़ार कर रहा था और १५
अप्रेल फ़ैसला का दिन था। अगर वे आधी रात से पहले मुझे कोई समाचार नहीं भेजते तो मैं मिशीगन नहीं जाता।
मेरी बुआ और मैं बात करते हुए बाज़ार गये और वहाँ घूमे-घूमे। मैसम बहुत अच्छा था - गर्मी हुई। एक-दो बज कर हम इतालवी भोजन शाला खाने पहुंचे। मैं बैठ कर, अपना फ़ोन बजा। ख़बर आ गया - मिशीगन ने मुझे दाखिल दिया था। मुस्करा कर, मैंने यह ख़बर अपनी
बुआ को सुनाया। "शाबाश!" वे चीख उठी।
सामान्या दिन था। हमने सामान्यी चीज़ें की। लेकिन मेरे लिये बहुत विशेष दिन होगा - और अब मैं मिशीगन के विश्वविद्यालय में पढ़ता हूँ।
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