सोमवार, 22 अक्तूबर 2012

मेरी ज़िन्दगी का सबसे ख़ुशी का दिन था


मुझे याद नहीं है मेरी ज़िन्दगी का सुबसे ख़ुशी का दिन या, लेकिन एक दिन बहुत अच्छा दो साल पिछले था .  यह 
 दिन  मेरे नानी और नाना का वार्षिकोत्सव  था .  पचास साल हो गये ! मेरा परिवार पार्टी नानी और नाना के साथ के लिए भारत गये .  लेकिन उसको पता नहीं हैं ! रात पिछले के उसके पार्टी पर मेरा परिवार दिल्ली का एरपोर्ट पहुंचे . पहुंचकर हम उसके घर गये .  हम घर का अंदर . बहुत आश्चर्य के साथ हम से देखे .  उसको बहुत कुशी लग रहे था ! मेरे माथा-पिता , मेरा भाई , मरी नानी और नाना  - सुब लोग ज़ोर बात किये , और बहुत जोश लग रहे था .

बाद का दिन जशन था .  दिन के दौरान मेरा परिवार ने बॉलीवुड फिल्म देखे और नानी और नाना के साथ बात किये .  वह रात बहुत बड़ा पार्टी था .  मै ने स्वादिष्ट खाना खायी , बड़ा परिवार से मिली , और अपनी चचेरी भाई और चचेरी बहन के साथ नचाई . शाम भर मेरे नानी और नाना मुस्का रहे थे .

यह दिन बहुत अच्छा . मेरे नानी और नाना विशेष करके कुशी और भावुक लग रहे थे .  मेरा परिवार शिकागो में रहा हैं और मेरे नानी और नाना न्यू दिल्ली रहे हैं अथ अक्सर हम उस से नहीं मिले थे . किराया बहुत मेहेंगी और माय और अपना भाई स्कूल जाते हैं अथ हम सिर्फ यक बार हर साल उस से मिलते हैं .  वह साल हमने बहुत हेसन उस को दिये !  उसके चेहरे देखकर मैं सोची की शयुद वह दिन सबसे ज्यादा कुश था !

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें