बुधवार, 24 अक्तूबर 2012

ख़ुशी का दिन - Rahul

मेरा सबसे ख़ुशी का दिन था जब मैं इक्कीस साल हुआ था | मेरा जनमदिन तीन मार्च पर था | इस वर्ष को एक वीकेंड पर मैं अपने दोस्तों के साथ मैयमी चले गये और खूब मनाये | हमने एक होटल में रहे जिसका नाम था "मेफैर बीच रिज़ोर्त" | वाकई में हमको होटल से बाहर नहीं जाना पड़ा क्योंकि होटल में बहुत मजेदार करने की चीज़ें होती थी | दो-तीन लम्बे स्विमिंग पूल्स थे जिसमें "ड्रिंक्स बार्स" होते थे, एक बेहतरीन "प्राइवेट बीच", एक शानदार जिम्नेजियम, और बहुत सारे रेस्तौरंट्स थे होटल में | हमको स्विमिंग पूल्स में काफी समय गुज़रता था और दोपहर का खाना के बाद हम "बीच" जाते थे| उसके बाद हम जिम्नेजियम जाते थे और फिर रात भर नैटक्लब्स में जश्न मानते थे | बाप रे बाप, बहुत मज़ा आया था | 

जन्मदिन पर हम पहली बार होटल से बहार चले गए क्योंकि एक कॉन्सर्ट था | यह कॉन्सर्ट "हाउस म्यूजिक" की दुनिया में सबसे बड़ा सहवादन है | जब हम वहां पहुंचे तो तब हमको एहसास हुआ की कितने लोग देश विदेश से आये थे केवल इस मेल के लिए | वहां का माहौल बड़ा ज़बरदस्त था और मेरे मनपसंद संगीतकार भी आये  - "तियेस्तो", "स्वीडिश हाउस माफिया", "स्टीव ओकी" | मैं यह सचमुच कहता हूँ की मेरा जीवन बदल गया इस अनुभव के बाद | छुट्टी के लिए हमने एक गाडी किराया तो उसमे रात के अंत हम "डाउनटाउन मैयमी" घूम गए |
अगला दोपहर हमें एन आर्बर वापस जाना पड़ा तो उस वक़्त थोड़ी बहुत दुःख हुआ | काश मौका मिला तो मैं ज़रूर मैयमी वापस जाऊँगा | ऊफ, इतनी सारें यादें!


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