शनिवार, 23 मार्च 2013

Ashley's Blog on Indian Wedding Customs

भारीतय शादियों में मुझे बहुत मज़ा आता है। अपने ज़िन्दगी में मैं दो या तीन शादियाँ में गयी हूँ। एक शाइदि में मैं लड़के के परिवार से आई थी, और दुसरे दो शादिय मैं दुल्हन के परिवार से आई थी। दोनों लड़के और लड़की के परिवार से एक रिवाज होता है शादियों में, जिस में मुझे सबसे जादा मज़ा आता है और वोह है मेहंदी रात। मेहंदी रात में, सारे लड़कियों के हाथ में मेहंदी लगाई जाती है। जिन को मेहंदी लगाने आती हैं, उनको बहुत सुन्दर से डिजाईन आते है लगाने सब के हाथों पर। मेहंदी रात में जो दुल्हन होती है, उसके पूरे हाथों और पेरो पर मेहंदी लगाई जाती है। जब सब लोग मंदी लगाते है, बहुत जश्न मनाया जाता है। यह रिवाज पूरे रात को चलता है और ताकि किसी को नींद न आये, पूरे रात को संगीत चलता है और नाच गाना भि। मुझे इस वाजे से बहुत मज़ा आता है क्यूंकि मुझे बहुत कुशी मिलती है दूसरो को नचाने में। 

भारतय शादियों में और अंग्रेजी शादियों में बहुत अंतर होता है। सबसे बड़ा अंतर जो मुझे दीखता है इन दो किसिम के शादियों में, वोह है सब के कपडे। भारित्य शादियों में दुल्हन बहुत रंगीला सारी या लेंघा पहेनती है। आम तोर पर वह लाल रंग का होता है। लेकिन अंग्रेजी शादियों में दुल्हन केवल सफेद रंग का ड्रेस पहेनती है। एक और अंतर जो मुझे दीखता है, वोह है शादी का समय। जब भी में भारित्य शादी में जाती हूँ, कम से कम दो या तीन दिन के लिए चलता है क्यूंकि इतने सारे रिवाज होते है। लेकिन अंग्रेजी शादी तो एक दिन में ही ख़तम होता है। 

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