सोमवार, 25 मार्च 2013

मेरी मन पसंद रसम - Ankita Badhwar


अंकिता बधवार
25 मार्च, 2013 
मेरी मन पसंद रसम
हिंदुस्तानी शादियाँ बहुत रंगीन और मस्ती भरी होती हैं. मैं बहुत शादियों में गयी तो नहीं लेकिन मैंने बहुत सारी भारतीय शादियाँ टी. वी पर और फिल्मों में देखी हैं. मेरी मन पसंद शादी की रसम मेहँदी की रसम है. मुझे मेहँदी लगाना बहुत पसंद है और जब भी मुझे मौका मिलता है मेहँदी लगाने का, मैं ज़रूर लगाती हूँ. मेहँदी की रसम में, दुल्हन अपने ससुराल की दी हुई मेहँदी शगुन मान कर अपने हाथों पर लगाती है. उसके बाद, मेहँदी लगाने वाली दुल्हन के हाथों और पैरों को बहुत सुन्दर नमूनों से भर देती है. जब तक दुल्हन को मेहँदी लगती है, उसके परिवार की सारी औरतें और लडकियां, और उसकी सहीलियाँ बहुत नाचती और गाती हैं. जब दुल्हन को मेहँदी पूरी तरह से लग जाती है, तब बाकी सब औरतें अपने-अपने हाथों पर मेहँदी लगवाती हैं. दूसरी तरफ, दूल्हे को भी मेहँदी लगती है लेकिन उसको सिर्फ छोटा सा निशान लगता है. यह रसम मेरी सबसे मन पसंद रसम है क्योंकि मुझे मेहँदी बहुत अच्छी लगती है, खास तौर पर दुल्हन की मेहँदी. मुझे नाच गाना भी बहुत पसंद है और मुझे अच्छा लगता है की दुल्हन की सब बहनें और सहेलीयां उसके साथ जश्न मानती है उसके विदा होने से पहले.
भारतीय और अंग्रेज़ी शादियों में बहुत से अंतर होते हैं. हिन्दुस्तानी शादी में, दुल्हन और दूल्हा बहुत रंगीन कपडे पहनते हैं. भारतीय संस्कृति में सफ़ेद और काले कपडे अशुभ माने जाते हैं. इस लिए, दुल्हन बहुत रंगीन साडी या लेंघा पहनती है. अंग्रेज़ी शादियों में दुल्हन सफ़ेद कपडे पहनती है क्योंकि अंग्रेजी रिवाज में, सफ़ेद पवित्र माना जाता है. हिन्दुस्तानी शादियों में बहुत सारी रसमें होती हैं जो अंग्रेजी शादियों में नहीं होतीं. अंग्रेज़ी शादियों में, दुल्हन के लिए ब्राइडल शावर दिया जाता है, बैचलर और बैचलोरेट पार्टीस होती हैं, शादी होती है, और फिर दुल्हन और दूल्हा रिसेप्शन देते हैं. अंग्रेज़ी शादियाँ आम तौर पर चर्च में होती हैं और रिसेप्शन किसी हाल या होटल में किया जाता है. हिन्दुस्तानी शादियाँ तब तक पूरी नहीं मानी जातीं जब तक वे पूरी विधि के साथ, सारी रसमें निभा के हों. हिन्दुस्तानी शादियाँ आम तौर पर मंदिर में नहीं होती. बल्कि, वे किसी हाल या किसी के घर पर पंडित जी को वहां बुलाकर की जाती हैं. पंडित जी अग्नि को साक्षी मान कर दूल्हा और दुल्हन से फेरे करवाते हैं. फेरे शादी के सबसे महत्वपूर्ण रसम होते हैं और शादी बिना फेरों की अधूरी मानी जाती है. भारतीय शादियों में दूल्हा दुल्हन के मांग में सिन्दूर भरता है और उसको मंगलसूत्र पहनाता है. मंगलसूत्र और मांग में सिन्दूर दुल्हे की लंबी उम्र के प्रतीक होते हैं. अंग्रेजी शादियों में, दूल्हा और दुल्हन एक दुसरे को सिर्फ अंगूठियाँ पहनाते हैं जिनसे दोनों का बंधन पक्का माना जाता है.

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