सचिन तेंदुलकर भारत के सबसे प्रसिद्ध क्रिकेटर है। सचिन चौबीस अप्रैल को पैदा हुए। उनके पिताजी का नाम रमेश तेंदुलकर है और माँ का नाम रजिनि तेंदुलकर है। सचिन बचपन से ही क्रिकेट के बहुत शौक़ीन थे। वे घंटे क्रिकेट प्रैक्टिस में बिताते। जब सचिन थक जाते तब उनके प्रशिक्षक एक रूपये का सिक्का स्टंप्स के उप्पेर रखते और गेंद फेकने वाले को कहते की जो सचिन की विकेट ले सकेगा उसको वह रुपया मिलेगा। सचिन अब तक उन तेरा सिक्को को अपनी सबसे कीमती पुरुस्कार मानते है।
1989 में सचिन ने पहली बार अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट खेला। उनका पहला मैच पाकिस्तान के साथ था। अगले कुछ सालो में तेंदुलकर एक बहुत हे बेहतरीन और प्रभावशाली क्रिकेटर बने। 1996 में सचिन भारत के कप्तान बने। इस्सी दौरान भारत की टीम बहुत बार हारी। चार साल बाद सचिन ने कप्तानी छोड़ दी। कप्तानी छोड़ने के बाद भी सचिन भारत टीम के बहुत ही महत्वपूर्ण सदस्य है।
सचिन ने तकरीबन चौबीस साल क्रिकेट खेला है। इन 24 सालो में उन्होंने कई रेकोर्ड तोड़े है। उन्होंने सो बार सो रन बनाये हे। उन्होंने अपने पुरे करियर में तकरीबन चौंतीस हज़ार रन बनाये है। वे भारत के वर्ल्ड कप जीती हुई टीम के सदस्य भी रहे है। तेंदुलकर ने पदमा विभूषण पुरुस्कार भी जीता हुआ है।
23 दिसम्बर को तेंदुलकर ने 'वन डे इंटरनेशनल' क्रिकेट से अपने आप को रिटायर किया। अब वे सिर्फ 'टेस्ट' क्रिकेट खेलते है।
1989 में सचिन ने पहली बार अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट खेला। उनका पहला मैच पाकिस्तान के साथ था। अगले कुछ सालो में तेंदुलकर एक बहुत हे बेहतरीन और प्रभावशाली क्रिकेटर बने। 1996 में सचिन भारत के कप्तान बने। इस्सी दौरान भारत की टीम बहुत बार हारी। चार साल बाद सचिन ने कप्तानी छोड़ दी। कप्तानी छोड़ने के बाद भी सचिन भारत टीम के बहुत ही महत्वपूर्ण सदस्य है।
सचिन ने तकरीबन चौबीस साल क्रिकेट खेला है। इन 24 सालो में उन्होंने कई रेकोर्ड तोड़े है। उन्होंने सो बार सो रन बनाये हे। उन्होंने अपने पुरे करियर में तकरीबन चौंतीस हज़ार रन बनाये है। वे भारत के वर्ल्ड कप जीती हुई टीम के सदस्य भी रहे है। तेंदुलकर ने पदमा विभूषण पुरुस्कार भी जीता हुआ है।
23 दिसम्बर को तेंदुलकर ने 'वन डे इंटरनेशनल' क्रिकेट से अपने आप को रिटायर किया। अब वे सिर्फ 'टेस्ट' क्रिकेट खेलते है।
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें