बुधवार, 13 फ़रवरी 2013

Isha

1950 भारत में एक औरत रहते थे। उसका नाम माँ टेरेसा था। वे 1910 में अल्बानिया में पैदा हुआ था। जब माँ टेरेसा भारत आई, थब वे देखि की भारत में बहौत गरीब, बीमार, दुखी, बड़े, और अनोथओ लोग थे। माँ टेरेसा एक कैथोलिक नून थी। वे बहौत परोपकार करती थी। वे बोली की भारत आने के बाद वे भगवन की आवाज़ सूनी और तब वे सब गरीब लोग मदद शुरू किया। माँ टेरेसा बहुत अच्छी और दयालू औरत थी। हर दिन वे गरीब लोग को खाना दिया, बीमार लोग को दवाई दिया, और सब लोग को द्यालूती दिखाया। 1962 में एक घर बनाया, और घर बन्ने के बाद वे दो-तीन और घर बनाया जहा गरीब लोग और बच्चे रहे सकते थे। भारत और पूरा दुनिया की लोग जानते थे की माँ टेरेसा कौन थी और उसकी अच्छी काम। कुछ साल के बाद माँ टेरेसा "मिशनरीज ऑफ़ चैरिटी" बनायीं। उसकी कम सिर्फ भारत में नहीं थी। वे अर्मेनिआ, पलेस्टाइन, इथोपिया, और कुछ और देश में काम करती थी। 

1997 में माँ टेरेसा मर गयी। जब वे मर गयी, तब 4,000 "बेहेन" उसकी चैरिटी में थी। 100 देश में माँ टेरेसा की "बेहेन" काम करती थी। 

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