मंगलवार, 12 फ़रवरी 2013

Loritta: शाहजहाँ बादशाह



शाहजहाँ पांचवां मुग़ल बादशाह थे और खासकर भारतीय आर्किटेक्चर की इतिहास के लिए प्रसिद्ध थे। उनका जन्म 5 जनवरी 1592 को हुआ था और वे जेहंगिर बादशाह के तृतीय बेटे थे। बचपन से शाह जहाँ बादशाह उनके दादा -जी (अकबर बादशाह) के पास एक बहूद करीबी रिश्ता था। इसे के कारन, 1605 में कब इसके दादा-जी गुजर गये, शाहजहाँ बादशाह अपने दादा-जी के बिस्तर के पास, सुबह-रात रहे। 

अकबर बादशाह ने बहूद प्रवाह और प्यार को शाहजहाँ बादशाह संभाले। जो मार्शल आर्ट सीखे शाहजहाँ बादशाह भी विविध संस्कृति, आर्ट, कविता और साहित्य सीखे। सनं 1627, 35 की उम्र, शाहजहाँ बादशाह सिंहासन चढ़े। दिल्ली नही, उनको आगरा (आज उत्तर प्रदेश) में रहने चाहिए थे। जो एक बहूद साहसिक और सक्षम कमांडर थे वे भी अपने नोकर को आदर से इलाज किये। अपने आँखों में न्याय का अत्यंत महत्व था। 

शाहजहाँ बादशाह ने अपनी स्त्री, मुमताज़ महल, की याद में, एक सुंदर इमारत बनवाये। इस इमारत का नाम ताज महल है और आज, संसार में सबसे एक प्रसिद्ध इमारत है। ताज महल उनेस्को के विरासत स्थल है। इसके आलावा, शाहजहाँ बादशाह भी लाल किला , आगरा की किला, जमा मस्जिद, मोती मस्जिद और शालीमार के बाग़ के लिए प्रसिद्ध थे। उन्होंने  भी फारसी सुलेख लाये और उनके मकबरा के पास एक फारसी शिलालेख था। 

शाहजहाँ बादशाह 22 जनवरी सन 1666 गुज़र गये। उनकी उम्र 74 की साल था। 

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