रविवार, 21 अक्टूबर 2012

एक दिन ग्रीस में



एक दिन जब मैं और अपना परिवार ग्रीस में था, मेरा सबसे अच्छा दिन था. मेरा पिताजी ग्रीस से है और हर दुसरे गर्मी हमने एक छुट्ठी पर जाता था.  ये दिन का सुबह में मेरा दादा और दादी नाश्ता पुके रहे थे.  हुवा का गंध बहुत अच्छा था.  मैंने उठाकर खिड़की बाहर को देखा.  नीला का पानी बहुत सुन्दर था, और इस ही मुझे खुश बना था.  हम ने नाश्ता एक साथ खाये थे.  तो हमने  निर्णय किया कि हम समुद्र तट को जाएँगे. मौसम गर्मी और सुखी था.  मेरी याद था जैतून पहाड़ पर सुंडा था.  इन्होने हर जगह था.  मेरा आईपॉड ने ख़ुशी संगीत बाजा बजा रहा था...इसके दौरान में मुझे शांति लगता था. सब कुछ दुनिया में ठीक था.  जब हम ने सागर  पुचाये मेरा बहन और मैंने पानी में दौड़ा.  हमने तौरे, खेले और हँसे चिंता को छोड़कर. हमके माता-पिता ने  हमको मुसराकर देखता था.  कभी-कभी माता या पिता जी ने बोलता था "एलेनी! अलेक्स! सावधान!" और इस के बाद उन्होंने सूरज में लौटने वापस आया था. ग्रीस एक सुन्दर देश है. और भी मेरा दोस्त  मेरा साथ नहीं आ सकता था, मेरा परिवार के साथ समय बिताता हे बहुत अच्छा था. अब जब मैं मारिता खाती हु, मुझे मेरा दादा और दादी ग्रीस में याद करती हु.  मेरा ख्याल है कि क्योकि मेरा बहन और में बच्चे था तो सब कुछ उत्तम लग रहे था, लेकिन दुसरे लोगों के लिए ये दिन ठीक ही था. हम के लिए ये दिन सबसे अच्छा था.  

  

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