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शुक्रवार, 30 नवंबर 2012
गुरुवार, 29 नवंबर 2012
बुधवार, 28 नवंबर 2012
Emmaline's Short Story
छोटे, भारतीय गांव में, वहाँ एक आदमी रहता था। उसका नाम राम था। वह सुंदर पत्नी और तीन बच्चों था। एक दिन, राम और उसका दोस्त नीचे पेड़ कटने का फैसला किया। वे जलावन की लकड़ी जरूरत थे तो की वे खाना बनाने और रत में अपने घरों को गर्म करने सकते थे। वह एक बहुत बडे पेड़ था। तो बड़ा कि उनका आरा आधे में पेड़ नहीं काट सकता था। वे बेहतर कुछ काटने के साथ खोजना चला गया। बंदर पेड़ो में दो आदमी को देख रहे थे। वे उन्सुक बंदरों थे। तो, वे पेड़ से नीचे आया और आरे के साथ खेलना शुरू किए। आरा पेड़ में अटक जाता था। जबकि बाहर आरा खींचने की कोशिश कर रहा है, एक बंदर की पूंछ पेड़ में पकड़ा गया। बंदर आरा खींचने में कामजाब था, लेकिन वह खुद को बाहर नहीं निकल सकता था। वह बहुत दर्द में था। बंदर भगदड़ मच गया। और, उसके बंदर दोस्तों को भी भगदड़ मच गये। उन्हें करना क्या नहीं जाना। तो बस, बंदरो राम और उसके दोस्त को वापस चलने देखे। वे सब दूर भाग गए, छोड़कर बंदर पेड़ में अटक गया। अटक बंदर बहुत डर गया था। वह बहुत मेहनत कदम की कोशिश कर रहा था, लेकिन कुछ भी नहीं मदद किया। राम पेड़ से बाहर बंदर मदद के तरीके सोचना सुरु किया। राम चालाक आदमी नहीं था। उन्होंने फैसला किया कि वह बंदर की पूंछ काट सकता था। राम आरा उठाया। बंदर राम क्या कर रहा है एहसास हुआ, और वह चिल्ला शुरू किया। राम बंदर को क्रूर था। बंदर बहुत दर्द था कि गांव में सभी लोग उसके चीखें सुन सकते थे। यह बहुत बुरा था। राम बंदर की पूंछ पूरी तरह से काटा। बंदर बहुत नाराज और चोट था। खून सभी जगह पर था। बंदर बहुत दर्द था कि वह चक्कर और वमनजनक शुरू लग रहा था। किसी तरह वह जंगल को चलाने में चलाने सक्षम था। राम कोई पछतावा नहीं था। वह सिर्फ बार फिर अपने लकड़ी काटने शुरू किया। कुछ लोगों का कहाना हैं कि वे अब भी बंदर नहीं पूंछ के लिए देखे। वे कहाते हैं कि चिल्लाती अब भी सुना जा सकते हैं, और कि बंदर कभी नहीं गांव में फिर से आते हैं।
Cyril Recipe
चपाती
सामग्री:
- तेल (दो तब्लेस्पूंस )
-पानी
-नमक
-आटा (दो कप )
दिशा
1. धीरे धीरे आटा को पानी जोड़ें और अपना पसंद के लिए नमक जोड़ें।
2. अगला, मिश्रण मानता हें और बंद करो जब आटा नरम है।
3. जोड़ें तेल और मानो तक आटा नरम है।
4. छोटी गेंदों में आटा बना।
5. रोलर के साथ गेंद समतल और थोड़ा आटा जोड़ें।
6. लोई चदाओ जब तक पहले पक्ष सुनहरा है तो फ्लिप।
आप चपाती बनाया!!!! अब अपने पसंद पकवान के साथ खाने के।
मंगलवार, 27 नवंबर 2012
सोमवार, 26 नवंबर 2012
Shabab's recipe
Shabab
मैं आज आपको कबोब बनाना सिकौंगा। इसको तेयार करने में तीस मिनट लगेगा और दस मिनट पक ने में। इसको पक ने के लिए आपको अदा कप तेरियाकी सॉस लगेगा, अदा कप मोधू, अदा चमच लहसुन पाउडर, अदा पिंच ग्राउंड जिंजर, दो लाल मिर्च काट के दो इंच में, एक बड़ा प्याज, देर कप मशरूम, और देर पौंड काटे हुए चिकेन।
1. एक बड़े प्लास्टिक बैग में तेरियाकी सॉस, मोधू, लहसुन पाउडर, और अदरक मिश्रण कीजिये। फिर लाल मिर्च, प्याज, मुश्रूम, और चिकेन बैग में डालिए। बंद करके कम से कम चार घंटा फ्रिग में रकिये।
2. आपका ग्रिल गरम करके रकियेगा।
3. मांस और सब्जी को स्केवेर पे लगाइए।
4. ग्रिल को थोडा तेल दीजिये। फिर दस मिनट के लिए स्केवेर को ग्रिल कीजये जब तक पक न जाये।
Emmaline's Recipe
बेक्ड ब्री
बेक्ड ब्री की आवश्यकता
- एक बड़ी पफ पेस्ट्री या एक वर्धमान रोल की बड़ी ट्यूब
- ब्री पनीर का एक दौर
- रस्प्बेरी जाम या अन्य मीठा जाम
- भूरे चीनी
- मेपल सिरप का एक कप की चौयाई
- पहला, सारही तीन सौ डिग्री फेरन्हाइट ओवन गर्म करो।
- पफ पेस्ट्री या वर्धमान रोल एक नॉन स्टिक कुकी शीट पर फ़्लैट डालो। पेस्ट्री पर पनीर डालो।
- अगला, ब्री से अधिक जाम दको, और पनीर पर पेस्ट्री आटा तह करो। अन्त में, पेस्ट्री पर मेपल सिरप फुहार पड़ो, और शीर्ष पर भूरे चीनी की एक मुट्ठी भर की लगाओ।
- पच्चिस मिनट के लिए या जब तक पेट्री भूरे रंग संहरा सेको। दस मिनट के लिए ठंडा करो। बेक्ड ब्री प्रसार पर पटाखो, बगेत्ते (baguette) या सेब स्लाइस के साथ परोसो।
सुमेधा की आलू के परते
सामग्री: -एक कप आटा -आधा कप पानी-थोडा नमक -दो आलू -एक चौथाली टीस्पून -अध टीस्पून जीरा -एक हरा मिर्च -दो तीस्पूंस धनिया (छोटे-छोटे तुकडे करके)-अध टीस्पून गरम मसाला अध टीस्पून आमचूर पावडर
नुस्खा:1) आटा, कुछ नमक और पानी को मिलिए लोई को बनाने के लिए। 2) लोई को गुंधिये। 3) लोई पर एक लानत कपड़ा रखिये और कुछ समय के लिए अलग रखिये। 4) आलू को दो कप पानी में उबालिए। जब आलू नरम हो गए है, स्टोव से निकालिए। 5) कुछ मिनट बाद, आलू की खाल निकालिए और आलू को मैश कीजिये। 6) आलू, हरे मिर्च, धनिया, जीरा और बाकी नमक मिलिए। 7) कुछ लोई को लीजिये और कुछ और आलू मिश्रण लीजिये और फिर लोई को बलिये। 8) आलू मिश्रण को उंदर रखकर लोई से एक गेंद बनाइये। 9) फिर से सब को बलिये। 10) कडाही को गरम कीजिये और फिर एक परता गरम कडाही पर रखिये। जब परता पूरी तारे से सूजती है फ्लिप कीजिये। 11) जब परता फिर से सूजता है थो कडाही से निकालिए।
नुस्खा:1) आटा, कुछ नमक और पानी को मिलिए लोई को बनाने के लिए। 2) लोई को गुंधिये। 3) लोई पर एक लानत कपड़ा रखिये और कुछ समय के लिए अलग रखिये। 4) आलू को दो कप पानी में उबालिए। जब आलू नरम हो गए है, स्टोव से निकालिए। 5) कुछ मिनट बाद, आलू की खाल निकालिए और आलू को मैश कीजिये। 6) आलू, हरे मिर्च, धनिया, जीरा और बाकी नमक मिलिए। 7) कुछ लोई को लीजिये और कुछ और आलू मिश्रण लीजिये और फिर लोई को बलिये। 8) आलू मिश्रण को उंदर रखकर लोई से एक गेंद बनाइये। 9) फिर से सब को बलिये। 10) कडाही को गरम कीजिये और फिर एक परता गरम कडाही पर रखिये। जब परता पूरी तारे से सूजती है फ्लिप कीजिये। 11) जब परता फिर से सूजता है थो कडाही से निकालिए।
Aaloo ka parantha
मैं आज आलू का परांठा बनाने का तरीका बताऊंगा। आलू के परांठो के लिए यह सामग्री आवश्यक है:
1. दो उबले हुए आलू
2. छोटा छोटा कटा प्याज
3. छोटा छोटा कटा धनिया
4. बहुत ही छोटा छोटा कटा हुआ अदरक
5. एक या दो कटी हुई हरी मिर्च
6. नमक, लाल मिर्च और गरम मसाला स्वाद अनुसार
7. मक्खन
तो बनाने के लिए, सबसे पहले आता ले और जैसे रोटी बना रहे हो, दो आते के गोले बनाये। फिर आलू का भरता बना ले। अब उसमे साड़ी सामग्री दाल दे। प्याज, अदरक, धनिया, नमक, मिर्च और गरम मसाला। अब उस दो आते की गोलों को चपाती बन ले। एक चपाती पर आलू का मिश्रण दाल दे और उस पर दूसरी चपाती से बंद कर ले। हलकी सी आंच पर परांठे को पकाना शुरू करें। दोनों तरफ अच्छी तरह पकने के बाद, मक्खन लगा के परोसिये।
Paneer Makhani - Rahul
आज हम पनीर मखनी बनायेंगे । पनीर मखनी के लिए इन सामग्री की ज़रुरत होगी:
- 225 ग्राम पनीर
- 2 छोटे प्याज़
- 2 चम्मच धनिया-जीरा पाउडर
- एक चम्मच अधरक-चम्मच पेस्ट
- 2 पिसा हुआ टमाटर
- 1 चम्मच टमाटर का गूदा
- 2 लौंग
- 2 चम्मच काजू की पेस्ट
- 1 टुकड़ा दालचीनी
- 1 चम्मच गरम मसाला
- 1 चम्मच लाल मिर्च पाउडर
- 4 चम्मच दही
- धनिया पत्ती
- 2 चम्मच बटर
- 4 चम्मच नमक
विधि:
दालचीनी और लौंग को बारी पीस लें। पनीर के टुकड़ों को धीमी आँच में पांच मिनट के लिए तल लें । तले हुए पनीर को अलग रख दें। कटे हुए प्याज को लगभग 3 मिनट तक तलें । उसके बाद अदरक-लहसुन पेस्ट इसके साथ डालकर तल ले। अब पिसा हुआ टमाटर डालकर दस मिनट और तल ले । अब काजू की पेस्ट, धनिया-जीरा पाउडर, गरम मसाला, नमक, लाल मिर्च को मिलकर डाल दें। दही डाल कर अच्छी तरह से मिलाएँ । तले हुए पनीर को डालकर आधा कप पानी डालें और पाँच मिनट तक पकाएँ। अंत में धनिया पत्ती दाल दें।
आलू बैंगन
मैं दो आलू, आधा किलो बैंगन, एक-दो प्याज़, दो हरी मिर्च, और दो टमाटर उपयोग करता हूँ।
मसाले के लिये मुझे धनिया, हलदी, लाल मिर्च, नमक, अदरक, लहसुन, ज़ीरा चाहिये।
तो पहले, मैं सब सब्ज़ियाँ धो कर, मैं टुकड़े काटता हूँ। मैं भी थोड़ा सा तेल कड़ाही में गरम करता हूँ। और फ़िर तेल में आलू डालता हूँ और पाँच-छ: मिनट तलता हूँ। फ़िर हटा कर, मैं उनकी जगह बैंगन डालता हूँ। और फ़िर मैं भी पाँच-छ: मिनट तलता हूँ। और फ़िर मैं भी बैंगन हटाता हूँ।
तो मैं प्याज़, टमाटर, मिर्च, और मासाले तलता दो-तीन मिनट हूँ और मैं, दो-तीन मिनट के बाद आलू और बैंगन मिलाता हूँ। पाँच-छ: मिनट के बाद सब तैयार होगा।
मैं उसके ऊपर, मतलब खाने के ऊपर, थोड़े से हरे धनिये डालता हूँ, भोजन को सजाता हूँ। मैं आलू बैंगन रोटियाँ के साथ परोसता हूँ।
मेरे लिये असान है। मुझे पकाने में सिर्फ़ पैंतालीस मिनट लगते हैं।
नमस्ते।
रविवार, 25 नवंबर 2012
Neeyati Shah - मटर पनीर
मटर पनीर उत्तरी भारत से है. तैयार करने आसान है और आप अपने शैली को तहत मसाले समायोजन कर सकें. मटर पनीर एक बहुत अच्छा शाकाहारी डिश है!
आवश्यक सामग्री
1. ढाई सौ ग्राम पनीर
2. प्याज का गाढ़ा गूदा – दो प्याज
3. टमाटर का गाढ़ा गूदा – एक कैन
4. तेल - छ छोटे चम्मच
5. जमा हुआ मटर – आधा कप
6. गरम मसाला
7. अदरख और लहसुन का लेई
8. जीरा का चूरा – एक छोटा चम्मच
9. धनिया का चूरा – डेढ छोटे चम्मच
10. लाल मिर्च का चूरा – एक छोटा चम्मच
11. कसूरी मेथी - एक छोटा चम्मच
12. नमक
13. मक्खन – दो बड़ा चम्मच
पैन में तेल गर्म कीजिये. गर्म मसाला, नमक, और प्याज का गाढ़ा गूदा डालकर तलिये. जब प्याज भूरा जाने लगेंगे अदरख और लहसुन का लेई मिलाकर एक मिनट के लिए तेलिये. हिलाते रहकर जीरा का चूरा और धनिया का चूरा डालिए. जब प्याज से पानी उड़ जाएगा, लाल मिर्च का चूरा डालिए. जब तक तेल अलग न हो जाये तब तक पकाते रहना.
अब टमाटर का गाढ़ा गूदा और थोडा-सा पानी डालिए. ढककर एक मिनट के लिए पकाइए. कसूरी मेथी डालकर अच्छे से मिलाइए. मटर डालिए. ढककर एक मिनट के लिए पकाइए. अंत में पनीर, पानी, मक्खन, और थोडा-सा नमक डालिए. धीमे आंच पर ढककर पांच मिनट के लिए पकाइए.
मटर पनीर तैयार है!
डोसा
मुझे डोसा बहुत अच्छा लगता है। यह नाश्ता के लिए मेरा सबसे मनपसंद खाना है।
डोसा बनाने आप कुछ सामग्री चाहिये। आप एक कप चावल, तिहाई कप उड़द की दाल,दो
बड़े चमचे पीटा चावल, छे या साथ मेथी बीज, नमक, तेल, पानी, एक बड़ा कटोरा,
और एक कड़ाही चाहिये।
पहले चावल, उड़द की दाल, और मेथी बीज कटोरा में धोइए। पीटा चावल के सात पानी में दो घंटे के लिए भिगोइए। दो घंटे के बाद यह कुछ ओर पानी के सात पीसिए। पीसने के बाद रात के लिए अलग रखिए। अगले दिन आप कुछ नमक मिश्रण में डालकर मिलाइए। फिर कड़ाही गरम कीजिए। गरम करने के बाद मिश्रण कड़ाही में बहकर एक वृत्त में बेलिये। कुछ तेल बहीये और दो मिनट के बाद आप डोसा परोसने सके।
पहले चावल, उड़द की दाल, और मेथी बीज कटोरा में धोइए। पीटा चावल के सात पानी में दो घंटे के लिए भिगोइए। दो घंटे के बाद यह कुछ ओर पानी के सात पीसिए। पीसने के बाद रात के लिए अलग रखिए। अगले दिन आप कुछ नमक मिश्रण में डालकर मिलाइए। फिर कड़ाही गरम कीजिए। गरम करने के बाद मिश्रण कड़ाही में बहकर एक वृत्त में बेलिये। कुछ तेल बहीये और दो मिनट के बाद आप डोसा परोसने सके।
Aloo Paratha Recipe- Arsh Patel
मुझे आलू के परांठे बहुत पसंद है। आलू परांठे बनाने के लिए पहले आता लगाइए। फिर एक चमच तेल और एक चमच नमक डालिए। फिर आधा कप पानी डालिए और इन सब चीजों को मिलाईये। फिर जब आता तैयार हो जाये तब पन्द्र बीस मिनट के लिए आते को दाख कर रख्दिजिये। तब तक दो आलू चिनेये और इसमें डालिए: अदरक आधा टूकड़ा, आधी चमच धनिया, लाल मिर्च दो तीन पिंच, आमचूर पाउडर आधी चमच से कम, एक कटी हूई हादी मिर्च, आधा चमच और गरम मसाला आधी चमच। फिर इन सब चीजों को मिलाइए। फिर आते को बहेलिये और इस पर थोडा तेल डालिए और आलू की स्तुफ्फिंग डालिए। फिर आते को ऊंग्ल्यों से बंद कीजेये और सूखा आता डालिए और फिर और बहेलिये। फिर स्टोव पर परांठा डालिए और जब तैयार हो जाये तब तेल लगाइए।
पोंगल
शनिवार, 24 नवंबर 2012
आज मैं आलू वडे बनाऊँगी।
आज मैं आलू वडे बनाऊँगी।
आज मैं आलू वडे बनाऊँगी।
आलू वडे बनाने के लिये यह सामग्री की ज़रुरत हैं:
आलू, अदरक मिर्ची, लहसुन की पेस्ट (paste), नमक, तेल, कड़ी पत्ता , हल्दी, राई, बेसन, पानी
पहेले आलू को ऊबाल्के फिर उसे छीलकर मसलिये। बाद में उसमे अदरक मिर्ची, लहसुन की पेस्ट , नमक, और हल्दी डालीये और सब मिलाइए। एक छोटे बर्तन में थोडा तेल, राई, और कड़ी पत्ता डालकर तड़का तैयार कीजिये। फिर इस तडके को मसले हुए आलू में डालकर मिलाये।
अब आलू के गोले बनाकर बेसन के आटे में डालके गरम तेल में तलिए। तले हुए आलू वडे चटनी या केचप (ketchup) के साथ खाइए।
शुक्रवार, 23 नवंबर 2012
Loritta's Post: मोतीचूर का लडडू
~ मोतीचूर का लडडू ~
आवश्यक सामग्री
- बेसन - आधा
किलोग्राम
- दूध - 1/3 कप
- पिस्ता - 1 छोटी चम्मच
- चीनी - आधा
किलोग्राम
- किशमिश - 1 छोटी चम्मच
- पाक चूर्ण - 1 पिंच
- नारंगी रंग -
कुछ चुअने
- घी - तलने के
लिए
विधि
बेसन
और पाक
चूर्ण झारिये। इसके बाद, कधी में घी पिचलाकर, बल्लेबाज
बनाने के लिए, दो टी स्पून की घी और पर्याप्त
पानी के साथ मिला दीजिये। छिद्रित चम्मच के साथ, बल्लेबाज
धीरे-धीरे डालिए और तलिए जब तक इनका रंग
हल्के भुर है। सिरप बनाने के लिए, चीनी और दूध मिलाकर नारंगी
रंग जोड़िये।
तले बूंदी सिरप में डालिए। पिस्ता छोटे-छोटे टुकड़े करके, किशमिश
के साथ बूंदी में जोड़िये। बूंदी ठडा कर
दीजिये। घी
के साथ आपके
हाथ तेल पोतकर, बूंदी गंद आकार में बनाइये। मोतीचूर
का लडडू तयार हैं! क्रप्या आपको खाने मजे आइये!
बुधवार, 21 नवंबर 2012
मेरी भूल - Ankita
अंकिता बधवार
नवम्बर 21, 2012
मेरी भूल
जब
मैं चौदह साल की थी, मैं अपनी माँ और बहन के साथ भारत गयी, मेरे पिता जी नहीं जा पाए
क्योंकि उनको बहुत काम था. भारत में, हम मेरे मामा जी और मामी जी के साथ ठहरे थे. जिस
घर में मेरे मामा जी रहते, वह घर मेरे नाना जी और नानी जी का घर है जहाँ मेरी माँ और
उनके दोनों भाई बचपन से रहे हैं. जब मेरे बड़े मामा जी इंग्लैंड चले गए और मेरी माँ
की शादी हो गयी, उस घर में सिर्फ मेरे छोटे मामा जी रहे गए. जब हम भारत गए, हम उस ही
घर में मेरे मामा जी और मामी जी के साथ ठहरे. उनके घर के पास में एक मंदिर है जहाँ
मेरी माँ अपने परिवार के साथ हमेशा पूजा करने जाया करती थीं. जब उनकी शादी हो गयी,
तब भी वे और मेरे पिता जी उस मंदिर में पूजा करने के लिए जाते थे. अब, जब भी मेरी माँ
भारत जाती हैं, वे उस मंदिर में, भगवन के दर्शन करने, ज़रूर जाती हैं. एक दिन, जब हम
सब भारत गए हुए थे, मेरी माँ मंदिर गयीं. जब में नहाकर तयार हुई, मैं भी मंदिर चली
गयी. मेरी माँ हमारे परिवार के लिए पूजा करवा रही थीं. जब उन्होंने देखा कि मैं वहां
पहुँच गई हूँ, उन्होंने मुझे माता रानी की पूजा के लिए फूलों की माला खरीदने के लिए
कहा.
मैंने
अपनी माँ से पैसे लिए और माला खरीदने के लिए चली गयी. मंदिर के बाहर, एक फूल वाला खड़ा
फूल और मालाएँ बेच रहा था. मैं वहां गयी और फूल वाले से दो गुलाब और चमेली के फूल की
मालाएँ मांगी. फूल वाले ने मुझे दो मालाएँ पकड़ाईं और मुझसे साठ रुपे मांगे. तब मुझे
हिंदी बहुत अच्छे से नहीं आती थी और मुझे पता नहीं था कि साठ रुपे कितने होते हैं.
मेरी माँ ने मुझे 70 रुपे पकडाए थे और मैंने सारे के सारे फूल वाले को दे दिए. जब मैं
मंदिर के अन्दर वापस गयी, मैंने अपनी माँ से पुछा, "साठ रुपे कितने होते हैं?"
उन्होंने बताया कि साठ रुपे 60 रुपे होते हैं. मैंने थोड़ी शर्म के साथ बताया कि मैंने
गलती से फूल वाले को सतर रुपे दे दिए. मेरी माँ ने मुझे फूल वाले से छुटे पैसे वापस
लेने को कहा. जब मैं बहार, फूल वाले के पास, गयी और उससे पैसे मांगे, उसने मुझसे कहा
कि उसने सतर रुपे ही मांगे थे. मैं थोड़े गुस्से से अपनी माँ के पास गयी और उनको बताया
कि फूल वाला पैसे लौटाने से इनकार कर रहा है. मेरी माँ बहार गयी और फूल वाले से बोलीं
कि उसने दूसरी औरत को अभी-अभी मालाएँ साठ रुपे की बेची थीं और अब हमसे दस रुपे ज्यादा
ले रहा है. फूल वाले ने मेरी माँ से झूट कहकर बताया कि उस दूसरी औरत को कोई गलत फैमी
हुई है और उसने मालाएं सतर रुपे की ही दी थीं. इस के बाद, मेरी माँ ने फूल वाले से
कुछ नहीं कहा और वे मंदिर के अन्दर वापस आ गयीं. उन्होंने मुझे मेरी गलती के लिए कुछ
नहीं बोला और वे मेरे से नाराज़ भी नहीं हुईं. उन्होंने मेरे से सिर्फ कहा कि दस रुपे
बहुत ज्यादा पैसे नहीं होते और शायद हमसे ज्यादा, वे पैसे उस आदमी को चाहिए हों. लेकिन
मेरी भूल के वजय से, हमें वे पैसे कभी वापस नहीं मिले.
मैंने
इस गलती से सिखा कि मैं हमेशा अपने बड़ों से पूछकर कोई भी सामान खरीदने जाऊं ताकि मैं
दोबारा किसी को भी ज्यादा पैसे न दूं और जब मुझे कुछ मालूम न हो, तब भी मैं बड़ों से
पूछूं ताकि मुझसे फिर से ऐसी कोई भूल न हो.
मंगलवार, 20 नवंबर 2012
मेरी हॉट डॉग गलती
मैंने अपने जीवन में कई गलतियाँ की है । गलतियाँ जब तुम छोटे हो सीखने का एक तरीका है।एक गलती है मुझे याद है जब मैं एक पाँच साल का था। यह गर्मियों में था और मैं सामने यार्ड में बाहर खेल रहा था । मैं अपने दो दोस्तों पर था.उनके नाम विलियम और शैली थे। वे मेरे घर आते हैं और मेरे साथ गुड़िया खेलना होगा । हम पर लड़ने के लिए जो सुंदर बार्बी गुड़िया हो गया होगा। शैली हमेशा लड़ाई जीती। मेरे पिताजी खेल के बीच में मेरे नाम से बुलाया। तो अपने दोस्तों से कहा कि मुझे जाना था और मैं अंदर भागा। मेरे पिताजी को रात के खाने के लिए गर्म कुत्तों बना रही थी। उसने मुझसे पूछा कि मैं चाहता था कि कैसे कई गर्म कुत्तों। मैं बड़ा हो तो मैंने उनसे कहा कि मैं दो गर्म कुत्तों खा जाएगा महसूस करना चाहता था। वह मुझ पर विश्वास नहीं था। क्या आप यकीन है कि वह मुझसे पूछा.मैं निश्चित रूप से कहा. एक घंटे बाद रात के खाने के लिए तैयार किया गया था, तो मैं रसोई घर की मेज पर बैठ गए, दो गर्म कुत्तों को खाने के लिए तैयार है। मैं पहले एक जल्दी खाया लेकिन के रूप में मैं एक दूसरे के खाने गया था मेरे पेट में चोट लगी है। मैं हॉट डॉग खाने की कोशिश की लेकिन वहाँ कोई उम्मीद नहीं थी. मुझे भूख नहीं थी. मैं नहीं चाहता था कि मेरे पिताजी को पता है कि मैं दो गर्म कुत्तों नहीं खाते इसलिए जब वह नहीं देख रहा था मैं सड़क पर भाग गया और हॉट डॉग दूर फेंक दिया था.जब वह वापस आया तो उसने देखा मेरे सभी खाद्य चला गया था और वह मुझ पर गर्व था.मैं बहुत दोषी महसूस किया.दो घंटे के बाद पारित कर दिया मैंने सोचा कि मैं इसके साथ भाग गया, लेकिन मैं गलत था.मेरे पिता में आया था और मुझे बताया कि वह सड़क मार्ग से एक गर्म कुत्ता मिल गया और अगर मैं इसके बारे में कुछ पता था.मैं झूठ नहीं बोल सकता है तो मैं उसे सच बताया.मैंने सीखा है कि जब मैं एक बड़ी लड़की हो चाहता था, अपने पिता के पास झूठ बोल जवाब नहीं था.
Carolyn - भूल
मैं अपनी जीवन में बहुत भूल किया. मैं ने सोचा की अगर भूल नहीं कर रहा हूँ, मैं नहीं रह रहा हूँ. एक भूल की याद हूँ, वह तिन साल पहले किया थी. मैं तिन साल पहले एक रासायनिक इंजीनियर होने का फैसला किया. मैंने सोची थी कि रासायनिक इंजीनियर रसायन शास्त्र से संबंधित जा रहा था और यह मुझे वैकल्पिक ऊर्जा पर काम करने की अनुमति होगी. मैं गलत थी. मैं मैंने सोची थी कि रासायनिक इंजीनियर रसायन शास्त्र से संबंधित जा रहा था और यह मुझे वैकल्पिक ऊर्जा पर काम करने की अनुमति होगी. मैं गलत थी. रासायनिक इंजीनियर रासायनिक नहीं कर रहे थे और डिग्री सबसे बड़ी प्रणालियों और निगमों में काम करने के लिए उपयोगी है. वैसे भी और वैसे भी, मैं बाद में फैसला किया कि मैं वैकल्पिक ऊर्जा नहीं करना चाहता थी. मैं अधिक चिकित्सा उपकरणों में दिलचस्पी थी. यह शायद एक रासायनिक इंजीनियर बनने के लिए एक गलती थी, लेकिन मैं तब से बहुत कुछ सीखी है. मैंने सीखा है कि मेरी डिग्री क्या मैं महत्वपूर्ण नहीं है. महत्वपूर्ण बात यह है कि मुझे क्या करना है जब मैं स्कूल में हूँ और मैं स्कुल के बाद क्या करेगी. यह डिग्री मेरे लिए सही नहीं है, लेकिन मैं महान लोगों के एक बहुत से मुलाकात की है, और मैं एक बहुत कुछ सीखी है. जब मैं स्नातक, मैं एक चिकित्सा उपकरण कंपनी के संस्थापक हूँ. अंत में, मैं विकल्प मैंने बनाया है के लिए खुश हूँ.
Rahul's Mistake
मुझसे कई बार भूल हुई है । पिछले रविवार मैं ने अपनी चाबियाँ घर में रखकर बाहर खाने के लिए चला गया । मैं ने सोचा कि केवल आधा घंटा लगेगा तो चिंता करने की ज़रुरत ही नहीं है । लेकिन जब मैं घर लौट गया तो मैं ने देखा कि किसी ने दरवाज़ा पर ताला लगा दिया था । मैं ने अपनी चाबी को मेरा जेब में ढूंडा लेकिन चाबी नहीं मिला । मुझे काफी परेशानी हुई क्योंकि बाहर ठंड बढ़ रही थी । दो-तीन मिनट रोकने के बाद मैं पुस्तकालय जाने की सोच रहा था । मुझे लगा शायद मेरा रहनेवाला वहा पढ़ रहा होगा, मगर वह लैब्ररी में नहीं था । इसके बाद मैं ने उसको कंप्यूटर लैब में तलाश की लेकिन मैं ने उससे नहीं देखा । मैं बहुत परेशान था क्योंकि मुझे बहुत काम था और समय अपने हाथों से निकल रहा था । मैं कंप्यूटर लैब में बैठ गया था और कुछ काम किया । थोड़ी देर के बाद मैं ने अपना दोस्त को फ़ोन किया और कहा "मैं तुम्हारे घर पे आ रहा हूँ" । जब मैं अपना दोस्त का घर पहुंचा मेरा दूसरा रहनेवाला वहां से निकल रहा था । मुझे काफी गुस्सा आया लेकिन अब क्या करूं - जो हुआ सो हुआ । इस घटने के बाद मैं ने निश्चय किया कि अबसे दरवाज़ा खोलने के बाद मैं चाबी अपना बटुआ उसी समय में रख लूँगा ताकि फिर से चाबी को न भूलूँ ।
मेरी भूल - Akul
जी हाँ मेरे से भूल हुई है। एक बार जब मैं दुस्वीं क्लास में था मैंने अपने दोस्त का होमवर्क कॉपी कीया था और फिर हमारी शिक्षक ने हम दोनों को कॉपी करते पकड़ लिया। यह भूल इसलिए हुई थी क्यों की मैं काम करना भूल गया था और वह काम आदे घंटे मैं शिक्षक को देना था। और तो और मेरी बदकिस्मती थी कि च शिक्षक तभी हमारे पास से गुजर रहा था जब कि वह आम तोर पर क्लास के सामने खड़ा रहता था। फिर उसने हम दोनों को डिटेंशन की जज़ा दी। लेकिन क्यूँ की हम पहेली बार पकड़े गया था और क्यूँ की हम दोनों आचे छात्र थे उसना हमे कोई "इंटीग्रिटी विओलतिओन" नहीं दी। एस हत्से से दो चीजें सीखने को मिलीं। पहले बात तो थी की अगर गलत काम करोगे तोह आज नहीं तो कल जरूर पकड़े जाओ गे। और कोई गारंटी नहीं है की जो पकड़ेगा वह शिक्षक की तरहां ज्यादा मुसीबत मैं नहीं डालेगा। दोसरी बात यह थी की अगर तुम अच काम करोगे और लोगों का सम्मान रखो गे फिर लोग तुम्हारी भूल नज़रंदाज़ करदेंगे। लेकिन यह तभी सच है अगर तुमसे भूल कभी कबर होती है। अगर ज्यादा गलतियाँ करोगे फिर लोग नज़रंदाज़ करना बंद करदेंगे और तुम और मुसीबत में पद जाओ गे। एस भूल के बाद मैंने कभी फिर से किसी का होमवर्क कॉपी नहीं किया।
मल्लिका का बड़ी भूल
मेरे दूसरा साल के दौरान यूनिवर्सिटी में मुझसे बड़ी भूल हुई है . स्कूल का सेमेस्टर लगभग खत्म किया या और फाइनल परीक्षा का हफ्ता था . यह सेमेस्टर मैं बहुत मुश्किल कलासों में भरती की . इसके कारण मेरा फाइनल परीक्षा का हफ्ता बहुत बुरा था . हर रोज आठ बजे उटाकर मैं फिशबोल जाती थी और मेरे पढाई यहाँ बारह घूंटे लगते ये . मैंने यहाँ सब खाना खायी , मैं यहाँ झपकी ली , और एक रोज मैं यहाँ दांत को साफ की ! चार दिनों से मैं एक स्वेअ-त्पंत और एक स्वेट-शर्ट पहनी क्योकि वे मुझे बहुत सुखी लाये . मैं कभी नहीं यह अनुभव करने चाहती थी लेकिन मेरे कलास बहुत मुश्किल थे और मुझे पदने था .
यूँ ही एक हफ्ता जाता था . मैं तीन परीक्षे खत्म की और मेरे शिक्षक ने मैमुझे अच्छे अंक दे अत मै बहुत मन की शांति को महसूस कर रही थी . वह शुक्रवार पर मेरी अन्त का परीक्षा था और भर रात का गुरुवार मैं पदी . ग्यारह बजे पर परीक्षा था . मैं दस बजे उठायी और मैं बहुत तैयार को महसूस की . नहाकर शांत के साथ मैं नाश्ता खाई . दस मिनिट से पहले ग्यारह बजे मैं घर चला गई . अकस्मात मेरी फोन टनटनाया . फोन पर मेरी शिक्षक था ! वह पुछी "तुम कहाँ हो ? परीक्षा दस बजे शुरू की ! "
"नहीं!" मैंने चिंता और शोक के साथ चिल्लाई . मैं गलाने लगी . मैं ग्यारह बजे पहुंची और कमरे में सब छात्र ने परीक्षा चुपचाप पद रहे थे .
वह दिन मैं अपनी भूल से सीखी कि हमेशा मुझे दो बार सिलेबस में देखने पड़ती है !
यूँ ही एक हफ्ता जाता था . मैं तीन परीक्षे खत्म की और मेरे शिक्षक ने मैमुझे अच्छे अंक दे अत मै बहुत मन की शांति को महसूस कर रही थी . वह शुक्रवार पर मेरी अन्त का परीक्षा था और भर रात का गुरुवार मैं पदी . ग्यारह बजे पर परीक्षा था . मैं दस बजे उठायी और मैं बहुत तैयार को महसूस की . नहाकर शांत के साथ मैं नाश्ता खाई . दस मिनिट से पहले ग्यारह बजे मैं घर चला गई . अकस्मात मेरी फोन टनटनाया . फोन पर मेरी शिक्षक था ! वह पुछी "तुम कहाँ हो ? परीक्षा दस बजे शुरू की ! "
वह दिन मैं अपनी भूल से सीखी कि हमेशा मुझे दो बार सिलेबस में देखने पड़ती है !
Matt Brown being embarrassed
हाई स्कूल में एक हफ्ता साल में "स्पीरिट वीक" था। स्पीरिट वीक में हम स्कूल को परिच्छद में गए। वह बहुत दुर्बल था लेकिन सभी लोग बांटे।हर दिन एक नया धून था और कभी कभी हर क्लास में एक अलग-अलग धून था। यदि हमारा क्लास बहुत अच्छा परिच्छद थकाए गएतब तक देना उनको एक बड़ा सिद्धफल दिए गया। स्पीरिट वीक बहुत अत्यावश्यक था।
एक सुबह मैं उठा। मैं याद हूँ कि आज स्पीरिट का पहली दिन था। मैंने कुछ नहीं तैयार किया! राम-राम! मैं सोच था कि उस दिन का धून "हैरी पटर" था। जल्दी से मैं ने परिच्छद बनाया। मैंने एक पुराना जामा, काला टोप, ऐनक और एक छडी कोज किये। बीस मिनट के बाद मैंने उनको मिला। मैं गाड़ी में स्कूल को गया और समय पर पहुँचा।
जब मैं स्कूल में पहुंचा कोई टीक नहीं था। मैं कक्ष में चला तब तक मैं देखा कि कोई नहीं स्पीरिट में था। मैं ही था। सभी लोग मुझे देखकर हंसाये। उस हफ्ता स्पीरिट वीक नहीं हुआ। अगला हफ्ते हुआ। मैंने गलती की। मेरे पास अतिरिक्त कपड़े नहीं हुए। मैं सब दिन उन कपड़े में चल रहा हुआ। मैं बहुत भूल हुआ और उस गलती मैं कभी नहीं किया भी।
मैंने एक शिक्षण उस दिन पर सीखा। मैंने सीखा कि मैं ध्यान होना हो और मैं मेरा कैलेंडर देखूं। मैंने सीखा कि मैं अपने दोस्तों को स्पीरिट वीक के बारे में बताऊँ क्योंकि मैं हैरान होना परत नहीं चाहता हूँ।
सुमेधा की गलती
पिचले साल मैंने एक दोस्त को मेरी अपार्टमेंट को बुलाया। मैंने उसको और मेरी पिचले साल की रूमेठ को वादा किया की मैं उनके लिए हिन्दुस्तानी खाना बनाउंगी।
मैं पालक पनीर बनाना चाहती हूँ तो मैंने बहुत कुछ पालक, पनीर, लहसुन, हल्दी, तेल, टमाटर, सावर क्रीम, अधरक, गरम मसाला, हरे मिर्च, जीरा, नींबू की रस, और धनिया को बाहर रख खर मैंने खाना बनाना शुरू की। पहले पालक को पानी में धो कर, मैंने उनकी डंडियाँ तोड़कर पानी में उबालना शुरू किया। पालक को पकाने में कुछ मिनट लगेगी तो मैंने टमाटर को छोटे-छोटे टुकडे किया और पनीर को थोड़ी बड़ा से टुकडे किया। फिर मैंने अधरक को भी छोटे-छोटे टुकडे करके और पिसा। तेल को एक कडाही में डालकर तेल में जीरा को टालना शुरू किया। फिर मैंने हल्दी और हरे मिर्च भी दल्दिया। थोड़ी देर बाद, मैंने सारे और मसाले (गरम मसाला के सिवा) दल्दिया और सावर क्रीम भी जब तक मसाले पूरी तारे से मिला हुआ। उसके बाद मैंने पालक को पीसकर और पनीर के साथ कडाही में मिलाइए। कुछ मिनट के लिए सब कुछ पकाया और जब वह उबालन शुरू किया तो मैंने गरम स्टोव से निकाल्दिया और फिर मैंने गरम मसाला और नींबू की रस भी मिलादिया। उन सब के ऊपर मैंने थोडा धनिया भी लादादिया।
पहले काटने खाने के बाद, उनको कुछ अजीब लगा। खाना अच्चा नहीं था। कुछ लापता था। मैंने खाने भी शुरू कोशिश की और पता लगा के मैंने नमक डालना भूल गयी। इस लिए खाना इतने नरम थे। मैंने गलती की तो मैंने सारे पालक पनीर को नमक डालकर मिलादिया। फिर जब हमने फिर से खाना खान शुरू किया, तो सब ठीख था और हमने पूरा भोजन को आनंद किया सिर्फ मेरु एक छोटी से गलती को मरम्मत करने के बाद, वर्ना कोई उससे खा नहीं सकते।
मुझे लगा की पालक पनीर तैयार थी तो मैंने मेरी दोस्त और मेरी रूमेट को बुलाई और रोटी के साथ खाना को सेवा की। दोनों बहुत खुश थे और बहुत सारा पालक पनीर अपने प्लेट पर लेकर खाने शुरू किया।
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