सोमवार, 15 अप्रैल 2013

गरीबी - Arush


हिन्दुस्तान में चौदह साल रहने के बाद मुझे एक चीज़ बहुत महसूस हुई। भारत में गरीबी हर तरफ है। जब कभी मेरा परिवार गाड़ी में कई जाता तो रास्ते में गरीब लोग दीखते। छोटे-छोटे बच्चो से लेकर बूड़े-बुजुर्गो भीक मांगते। यह देख कर मुझे बहुत तरस आता। मेरे माता-पिता उनको पैसे भी देते लेकिन मैं जानता था की थोड़े से पैसो से उनकी ज़िन्दगी सफल नहीं हो पायेगी।

गरीबी को जड़ से उखाड़ने के लिए बहुत कुछ बदलना होगा भारत में। सबसे पहले सरकार को अधिक बेघर आश्रय खोलने पड़ेंगे। अब मुसीबत यह है की भारत की आबादी बहुत ज्यादा है और उनमे से जो लोग गरीब है वे भी बहुत है तो सरकार इतना पैसा बेघर आश्रय में नहीं दाल सकती। लेकिन उनको कहीं से तो शुरू करना पड़ेगा। जैसे ही लोग इन आश्रय में रहना शुरू करेंगे, सरकार इनकी पढाई का इंतज़ाम भी करपाएंगे।

शिक्षा गरीबी को आसानी से ख़तम कर सकती है। मेरा मानना है की हर किसी को शिक्षा प्राप्त करने का मौका मिलना चाहिए। अगर गरीबो को पढने का मौका दिया जाये तो वे पढ़-लिख कर कुछ बन पाए। छोटी नौकरी से शुरू करके लोग अपने परिवार को सहारा दे सकते है। अगर सरकार कुछ शेहेरो में मुफ्त के स्कूल खोले तो बहुत कुछ बदल सकता है।

अब सरकार स्कूल और आश्रय बना सकते है लेकिन इन गरीब लोगो को एन सब चीज़ो का लाभ उठाना होगा। उनको अपने बच्चो को मुफ्त के स्चूलो में दाखला करवाना होगा। भारत में बदलाव तभी आएगा जब सब लोग बेहतर होने की कोशिश करेंगे।

पसंदीदा भारतीय त्यौहार - Arush

भारत में कई सारे त्यौहार है। हर त्यौहार बहुत ही अनोखा और सुन्दर है। लोग इनको बड़ी धूम धाम से मनाते है। कहते है के हिन्दुस्तान में हर दिन कोई न कोइन त्यौहार मनाया जाता है। मेरा सबसे पसंदीदा त्यौहार दिवाली है।

जब मैं भारत में था तो दिवाली का दिन सबसे खूबसूरत होता था। कुछ दिन पहले से ही दिवाली की तैयारिया शुरू हो जाती थी और पिताजी मिठाईया और पटाके खरीद लेते थे। माँ घर की सफाई में जुट जाती और हर तरह के पकवान बनाति। क्यूंकि दिवाली अँधेरे पर उजाले की जीत का त्यौहार है, तो घर का हर कोना रोशन किया जाता था। बुल्बो के इलावा दियो का भी प्रयोग किया जाता था।

घर तैयार करने के बाद हमारा परिवार लक्ष्मी देवी की पूजा करता। पूजा करने के बाद मेहेमानो और रिश्तेदारों को बुलाया जाता था। सब एक दुसरे को मुबारक देते और मिठाई देते। खाना खाने के बाद हम सब बाहर जाते और पटाके छोड़ते। यह बहुत ही मनोरंजक होता। सारा शेहेर सड़को में आके पटाके छोड़ता। सारा आकाश पटाखों से भर जाता और रंगीन दीखता।

कई माईनो में हिन्दुस्तानी त्यौहार अमरीकी त्यौहार जैसे ही है। जहाँ हिन्दुस्तान में दिवाली उनका सबसे बड़ा त्यौहार है, वैसे ही यहाँ क्रिसमस सबसे बड़ा है। अब लोग त्यौहार होने पर एक दुसरे को तौफे देते है। अगर तौफे नहीं तो मिठाई तो दी जाती है। दोनों ही बड़े धूम धाम से अपने त्यौहार मनाते है।

पसंदीदा भारतीय शादी की परंपरा - Arush

भारत में शादी एक बहुत ही लम्बा और खूबसूरत अवसर होता है। बहुत ही ख़ुशी का और आनंदित माहौल होता है। हिन्दू शादी में लोग कई प्रथाओं का पालन करते है। उन में एक प्रथा का नाम सात फेरे है। यह मेरा सबसे पसंदीदा प्रथा है।

सात फेरे हिन्दू शादी का सबसे मेहेत्वपूर्ण रिवाज है। सात फेरे दूल्हा और दुल्हन मंदक के सात चक्कर लेके पुरे करते है। मंदक पे एक पवित्र आग जलती है और पंडित वैदिक मंत्र पढते है। जब दूल्हा और दुल्हन चक्कर लगा रहे होते है तब वे वादे करते है। यह वादे उस पवित्र आग के सामने करने के बाद अटूट माने जाते है। हर फेरे का कोई न कोई मतलब भी होता है। सारांश में यह फेरे लेकर दूल्हा और दुल्हन भगवन से आशीर्वाद मांगते है की उनकी शादी सफल रहे।

यह प्रथा अमरीकी शादी के प्रथाओं से थोड़ी मिलती है। अमरीकी शादियों में भी दूल्हा और दुल्हन कसमे लेते है। वे एक दुसरे को वादा करते है की वे एक दुसरे को प्यार करेंगे और एक दुसरे का खयाल रखेंगे। जहाँ यह समानता है हिंदुस्तानी और अमरीकी शादी में, और बहुत मतभेद भी है एक दुसरे में।

हिन्दुस्तानी शादियाँ बहुत रंगीन होती है। उनमे बहुत नाच गाना भी होता है। हिन्दुस्तानी शादियों में कई साडी प्रथाए भी आदर की जाती है। जैसे हल्दी, संगीत, और मेहेन्दि। यह सब शादी से पहले होता है और साड़े मेहेमानो के साथ मनाये जाते है। हिन्दुस्तानी शादी  बहुत ही खूबसूरत होती है।

गुरुवार, 11 अप्रैल 2013

Rahul - बेरोजगारी

भारत में छे करोड़ से अधिक शिक्षित युवा बेरोजगार है।  आर्थिक मंदी की वजह से बेरोजगारों की संख्या बडती जा रही है। पिछले कुछ दशको से भारत में शिक्षा के क्षेत्र में भारी वृद्धि हुई है और एक ही काम के लिए कई लोग कोशिश कर रहे हैं। बेरोजगारी प्रौद्योगिकी और कंप्यूटर की उपयोग की वजह से हो सकती है।
 बेरोजगार लोगों को मजबूरन वह काम करने पड़ते है जो  उनके योग्यता से कम है । बेरोजगारी, गरीबी और चोरी जैसे समस्याओं का कारण बनता है।
भारत  में बेरोजगारी के कारण शिक्षित युवा दुखी है और नौकरी की तलाश में  परदेश जाते है। 
बेरोजगारी के कारण युवा नशीली दवा और शराब का सहारा लेते हैं। इसके कारण कई परिवार भी टूट जाते है।

बेरोज़गारी के और सारे समस्याएं हैं। युवा उदासीन बनते हैं और इस की वजह से तम्बाकू का पान और बीढ़ी करते हैं। फलस्वरूप रास्ते, लिफ्ट, और इमारते में थूक निकलती हैं और सारे इंफ्रास्ट्रक्चर खराब हो जाती है। युवा के बुरी आदतों बढती जा रही और बहुत कचरे भी रास्ते पर आ जाता है। मुझे लगता है सर्कार इस समस्या को लेकर जागरूक हर समय पर होना चाहिए वर्ना देश की भविष्य बिगड़ेगी। यह कोई आसन काम नहीं है, यह काफी कठिन है, लेकिन सरकार को सख्त उपाए लगवानी चाहिए। एक उपाय है कम इंटरेस्ट रेट: ऋण सस्ती हो जाएगी और लोग ज्यादा खर्च करेंगे। इस की वजह से व्यापर खोलेंगे और नौकरी बन जाएगी। बेरोज़गारी एक बड़ी गंभीर समस्या है और लोग उस के बारें में जानना चाहिए। 

बुधवार, 10 अप्रैल 2013

गरीबी - Akul


भारत में गरीबी समाज सबसे प्रमुख समस्या है। वर्ल्ड बैंक के मुताबिक भारत की जनसंख्या में दस प्रतिशत लोग अंतररास्ट्रीय गरीबी रेखा के नीचे रहते हैन। इसका मतलब है कि वह लोग हर-रोज़ एक डॉलर पच्चीस सेंट्स से कम पैसा बनाते हैन. और तो और करीब सत्तर प्रतिशत लोग भारत में दो डॉलर से कम पर रोज़ जीते हैं। लेकिन यूनाइटेड नतिओन्स देवेलोमेंट प्रोग्राम के मुताबिक सुन 2015 तक भारत की गरीबी सिर्फ ज्न्संखिया के बाईस प्रतिशित लोग गरीबी में जी रहे होंगे। 
भारत में ज्यादातर गरीब लोग आठ उत्तर और पूर्व राज्यों में रहते हैन. यह राज्यों हैं बिहार,  छत्तीसगढ़, झारखण्ड, मध्य प्रदेश, उड़ीसा, राजस्थान, उत्तर प्रदेश, और पश्चिम बंगाल। इन  राज्यों में जो गरीबों की जनसंख्या है वह अफ्रीका के छब्बीस सबसे गरीब देशों की जनसँख्या के ज्यादा है. 1950 से भारतीय सर्कार ने बहुत कार्यक्रम बनाए हैं गरीबी कम करने के लिये। यह कार्यक्रम बहुत मसलों पर लागु होते हैन.  कार्यक्रम खाना और अनाज की कीमत करते हैं। दुसरे कार्यक्रम धन रूप में गरीबों की सहिता करते हैं और गरीबों के लिए उधर लेना अस्सं बनाते हैन. और भी कार्यक्रम हैं जो शिक्षा को बढ़ावा देते हैं और खाती करने के नये तकनीक किसानों को सिखाते हैं। इन सब कार्यक्रमों से भारत में गरीबी कम हुई है और जो विशे गरीबी का कारण बनते हैं उने भी कम किया गया है। जैसे की अकाल और निरक्षरता पूरे देश में कम किये गये हैं। इस विशे में भारतीय सर्कार ठीक समाधान लागु कर रही हैं क्यों कि वह गरीबी के कारणों पर कम कर रही जिस वजा से सर्कार गरीबी को जद से उखड सकती है
लेकिन बहुत काम रहता है क्यों के भारत की जनसंख्या इतनी है की अगर सिर्फ दस प्रतिशित गरीबी हो तब भी दस लाख लोग गरीबी में जेराहे होंगे। जब तक गरीबी कम नहीं हो जाती भारत का विकास धीमा होता जाएगा। इसलिए गरीबी भारत के सबसे प्रमुख समस्या है।